रायपुर। पंडरी इलाके में हुई 15 लाख रुपये की लूट की खबर अब फर्जी साबित हुई है। पुलिस जांच में यह सामने आया कि शिकायत करने वाला व्यक्ति खुद ही इस पूरे मामले को गढ़ा था। आरोप है कि उस व्यक्ति पर लगभग 1 करोड़ रुपये का कर्ज था और उसे 15 लाख रुपये किसी को चुकाने थे। इस कर्ज से बचने के लिए उसने लूट का झूठा मामला बनाया।
पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता ने अपनी सुरक्षा और दबाव से बचने के लिए यह झूठा आरोप लगाया कि उससे 15 लाख रुपये की नकदी लूट ली गई है। इस मामले की जांच के दौरान क्राइम ब्रांच ने घटना स्थल से मोबाइल और एक अंगूठी बरामद की, जो कि उसी व्यक्ति ने झाड़ियों में फेंकी थी। पुलिस ने इस वस्तु की पुष्टि के बाद आरोपी की भूमिका संदिग्ध पाई। जांच अधिकारीयों ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में संदिग्ध ने पूरी कहानी को गढ़ा था, ताकि वह अपने कर्ज से बच सके और लोगों को गुमराह कर सके। पुलिस ने इस फर्जी सूचना के कारण हुए समय और संसाधनों के नुकसान पर भी नाराजगी जताई है।
इस मामले में क्राइम ब्रांच ने शिकायतकर्ता के खिलाफ धोखाधड़ी और झूठी शिकायत दर्ज करने का मामला भी दर्ज किया है। पुलिस ने कहा है कि इस तरह की घटनाएं कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती होती हैं और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे इस प्रकार की झूठी शिकायतों से बचें और यदि किसी भी अपराध या लूट की सूचना हो तो तत्काल पुलिस को सही जानकारी दें।
झूठी शिकायत न केवल कानून व्यवस्था को प्रभावित करती है, बल्कि पुलिस की जांच प्रक्रिया को भी बाधित करती है। इस घटना से यह साफ हुआ कि आर्थिक दबाव में आकर लोग कई बार अपराधों को भी अंजाम देने या झूठी शिकायतों के जरिए खुद को बचाने का प्रयास करते हैं, जो समाज और व्यवस्था दोनों के लिए नुकसानदेह है। पुलिस ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाने और जांच प्रक्रिया को और मजबूत करने का भी आश्वासन दिया है।