कोरबा। छत्तीसगढ़ के नगर पालिक निगम कोरबा के वार्ड क्रमांक 18 से कांग्रेस प्रत्याशी हरीश कंवर विक्की के द्वारा नाम वापस ले लेने से भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र देवांगन का निर्विरोध निर्वाचित होना सुनिश्चित हो गया है। इसकी विधिवत घोषणा 15 फरवरी को की जाएगी। इस मामले को लेकर कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और आरोप लगाया कि लोकतंत्र का गला घोटने की कोशिश भाजपा के द्वारा की जा रही है। वह आगे भी इस प्रकार की कोशिश कर सकती है।
दरसअल, 67 वार्ड वाले नगर निगम कोरबा में 11 फरवरी को चुनाव होना है और 15 फरवरी को इसके परिणाम घोषित होंगे। 28 जनवरी को नामांकन का अंतिम दिन था। वार्ड क्रमांक 18 से कांग्रेस ने हरीश कवर को प्रत्याशी बनाया था, जिसके द्वारा नाम वापस ले लिया गया। इसे लेकर कई प्रकार की चर्चा राजनीतिक हलके में हो रही है। इस विषय पर कांग्रेस नेताओं ने जिला कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत की और भाजपा नेताओं पर कई आरोप लगाए। जिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष सपना चौहान ने आशंका व्यक्त की है कि जो कोशिश एक वार्ड में की गई है। उससे लगता है कि, आने वाले दिनों में भाजपा साम- दाम, दंड- भेद अपनाने के साथ कुछ भी कर सकती है।
भाजपा शुरू से आदिवासी विरोधी रही है
नगर निगम के पूर्व सभापति दुरपाल सिंह का आरोप है कि भाजपा शुरू से आदिवासी विरोधी रही है और उसने एक बार फिर ऐसा किया। जबकि, कांग्रेस आदिवासी और पिछड़े वर्ग का हित चिंतन करती रही है।
बीजेपी ने डरा- धमकाकर नाम लेने पर किया मजबूर
नगर निगम के पूर्व सभापति श्याम सुंदर सोनी ने बताया कि कोहड़िया वार्ड से हमने सीधे- साधे आदिवासी युवक को अपना प्रत्याशी बनाया था और उसे चुनाव लड़ने का मौका दिया था। भाजपा नेताओं ने डरा धमका कर उसे नाम वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया। यह मानवाधिकार का हनन है और लोकतंत्र के लिए घातक है।
नरेंद्र देवांगन की धमकी से डरा कांग्रेस प्रत्याशी
कोहड़िया वार्ड अध्यक्ष हरनारायण राठौर ने साफ तौर पर कहां कि, नरेंद्र देवांगन की धमकी से डर कर कांग्रेस प्रत्याशी को मैदान से हटना पड़ा है। वह बुरी तरह से भयभीत है. वह अपने घर पर नहीं है और ना ही उससे संपर्क हो पा रहा है।
मंत्री लखन लाल देवांगन के भाई नरेंद्र देवांगन हैं प्रत्याशी
कोहड़िया वार्ड से भाजपा की ओर से मंत्री लखन लाल देवांगन के भाई नरेंद्र देवांगन को प्रत्याशी बनाया गया है। मौजूदा स्थिति में इस बार से उनके निर्विरोध निर्वाचन की तस्वीर साफ हो गई है। जबकि, कांग्रेस इस मामले को लेकर कई प्रकार के आरोप लगा रही है। फिलहाल कांग्रेस की चिंता इस बात को लेकर है कि, दूसरे वार्ड में नाम वापसी की तिथि को उसके प्रत्याशियों के साथ खेला ना हो जाए.