बिलासपुर। बहुचर्चित डीएड और बीएड विवाद मामले में गुरुवार को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में चौथी बार अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की एकल पीठ ने इस मामले में सरकार की ओर से लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की।
पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि 21 दिनों के भीतर बीएड अभ्यर्थियों को बाहर कर केवल डीएड अभ्यर्थियों की नई चयन सूची तैयार कर कोर्ट में पेश की जाए। हालांकि, तय समय सीमा बीतने के बाद भी सूची जमा नहीं की गई, जिस पर अदालत ने कड़ी फटकार लगाई। वकील के तर्कों को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि, केवल समय बर्बाद किया जा रहा है और अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए सरकार को अंतिम अवसर दिया है।
व्यापम की ओर सूची नहीं भेजी गई
सरकार की ओर से पेश वकील ने बताया कि चयन सूची तैयार करने के लिए व्यापम को पत्र भेजा गया था, लेकिन व्यापम की ओर से अब तक सूची नहीं भेजी गई। साथ ही, पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का भी उल्लेख किया गया। इस पर हाई कोर्ट ने सरकार को सात दिन के भीतर डीएड अभ्यर्थियों की नई चयन सूची तैयार कर पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई अब सात दिन बाद होगी।
अगली सुनवाई 10 दिसम्बर को
शिक्षक भर्ती 2023 का विवाद में हाई कोर्ट और सुप्रीम के फैसले के महिनो बीत जाने और अवमानना की चार-चार सुनवाई हो जाने के बाद भी विभाग द्वारा कोई कदम नहीं उठाए जाने पर हाई कोर्ट ने सख्त रूप अपनाया है और फटकार लगाते हुए सात दिनों का अंतिम अवसर देते हुए कार्यवाही न करने पर अधिकारियो पर चार्ज शीट दायर करने की बात कही है।