जीवित महिलाओं को मृत बताकर शासन की योजनाओं से वंचित करना दण्डनीय अपराध : डॉ किरणमयी नायक

Featured Latest आसपास छत्तीसगढ़ प्रदेश

मुंगेली| छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती अर्चना उपाध्याय ने आज जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के संबंध में सुनवाई की। इस दौरान कुल 14 प्रकरण रखे गए। जिसमें से 04 प्रकरणों को प्रतिवेदन के आधार पर और 05 प्रकरणों को सुनवाई के आधार पर नस्तीबद्ध किया गया।

 

 

यह भी पढ़े :

महिला एवं बाल विकास मंत्री ने गुरामी में वजन त्यौहार के क्रियान्वयन का लिया जायजा

 

 

सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिकागण पिरित बाई, महेतरीन बाई, पुसईया बाई और सोना बाई ने बताया कि उन चारों को 02 अक्टूबर 2016 से मृत घोषित कर दिया गया था। इस कारण उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा था। नया सरपंच आने के बाद वर्ष 2019 के बाद अब उन्हें राशन, पेंशन मिल रहा है। राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष श्रीमती नायक ने इसे गंभीरता से लिया और इस प्रकरण में चारों आवेदिकाओं को वर्ष 2016 से मृत घोषित करने वाले सुशील कुमार यादव पूर्व सरपंच के खिलाफ पंचायत अधिनियम के तहत कड़ी कार्यवाही किए जाने तथा तत्कालीन पंचायत सचिव कपिल सिंह राजपूत के खिलाफ जांच एवं विभागीय कार्यवाही की अनुशंसा की। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत की बैठक कार्यवाही लिखने एवं निष्पादन करने में सरपंच एवं सचिव की संयुक्त सहभागिता होती है। कोई भी व्यक्ति जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर अपने पद एवं अधिकार का दुरूपयोग नहीं कर सकता। जीवित महिलाओं को मृत बताकर शासन की योजनाओं से वंचित करना दण्डनीय अपराध है। उन्होंने इन चारों आवेदिकागणों को यथायोग्य मुआवजा भी दिलाये जाने की अनुशंसा की। इसके साथ ही प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। उक्त प्रकरण में आवेदिकागणों का जीवित होने का प्रमाण आयोग के समक्ष क्षेत्र क्रमांक 06 के जनपद पंचायत सदस्य ने दिया।

 

यह भी पढ़े :

समूह की बहनों द्वारा बनाई राखी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कलाई को करेगी सुशोभित

 

इसी प्रकार एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि दो साल पहले उनके ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया है। सुनवाई के दौरान बताया गया कि थाना पथरिया में इस प्रकरण में धारा 498ए के अंतर्गत एफआईआर दर्ज किया जा चुका है। अनावेदक के पिता ने बताया कि उनके बेटे ने दूसरा विवाह कर लिया है और उनका 07 माह का बेटा भी है। चूंकि इस प्रकरण में पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज हो जाने से इसे नस्तीबद्ध किया गया। इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक ने विश्वासघात करके ग्राम पंचायत का पैसा प्राप्त कर लिया है और सामान भी नही दिया है। अनावेदक के पास जीएसटी नम्बर है, जिसका दुरूपयोग करते हुए लगभग 07 लाख 58 हजार रुपये हड़प गया है और आवेदक को पैसा भी वापस नही कर रहे हैं। आयोग ने दोनो पक्षों को अपने समस्त दस्तावेज सहित आयोग कार्यालय में उपस्थित होने को कहा है। इस अवसर पर अधिवक्ता सुश्री शमीम रहमान, डॉ अखिलेश भारद्वाज, जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेश सिंह, डीएसपी साधना सिंह सहित आवेदक व अनावेदकगण उपस्थित थे।

लोगों को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *