दिव्यांग और मानसिक रूप से कमजोर युवती से दुष्कर्म, दोषी को आजीवन कारावास की सजा

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रायपुर| सक्ती जिले में दिव्यांग युवती के साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी चैनू राम निराला (52 वर्ष) को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी करार दिया है। दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। उस पर एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। मंगलवार देर शाम ये फैसला फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी ने सुनाया है।

विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने बताया कि दिव्यांग पीड़िता मानसिक रूप से भी कमजोर है। वो ठीक से बोल और सुन भी नहीं पाती है। टूटे-फूटे शब्दों में वो इशारों से बातचीत करती है। उसकी दादी बाराद्वार प्राइमरी स्कूल में खाना बनाने का काम करती है। 23 सितंबर 2021 को सुबह 10 बजे पीड़िता की दादी खाना बनाने के लिए स्कूल चली गई थी। घर में दिव्यांग युवती अकेली थी।

युवती की दादी जब स्कूल से दोपहर 2:30 बजे घर वापस लौटी, तो पीड़िता ने रोते-रोते दादी को इशारों में बताया कि गांव का ही रहने वाला चैनू राम निराला करीब 12 बजे उसके घर में जबरदस्ती घुस आया था। पीड़िता ने दादी को बताया कि चैनू राम ने उसके साथ बलात्कार किया है। दादी अपने परिजनों और गांव के लोगों के साथ थाने पहुंची और रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 376, 452, 376 (2) (1) के तहत केस दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।

आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था और पिछले एक साल से उसके खिलाफ केस चल रहा था। मंगलवार 1 नवंबर को आरोपी चैनू राम निराला को दोषी सिद्ध करते हुए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उसे धारा 376 की उप धारा – 2 (ठ) के अपराध के लिए आजीवन कारावास और 1 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 450 के अपराध के लिए 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने की।

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