हर साल सावन के महीने के दोनों पक्षों की पंचमी तिथि के दिन नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल कृष्ण पक्ष की पंचमी 7 जुलाई के दिन मनाई गई थी। वहीं शुक्ल पक्ष की पंचमी इस बार 21 अगस्त को मनाई जाएगी। बता दें कि कृष्ण पक्ष की पंचमी बिहार, बंगाल, ओडिशा और राजस्थान में मनाई जाती है। शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग देवता की पूजा का विधान है। इस दिन कालसर्प दोष के साथ-साथ जीवन की कई समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। आइए जानते हैं कि वे उपाय कौन से हैं।
नागपंचमी पर करें ये उपाय
– अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष है, तो नागपंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार पर गोबर, गेरू या मिट्टी से सांप की आकृति बनाएं और इसकी विधि-विधान से पूजा करें। इससे कुंडली में कालसर्प दोष के कारण होने वाली समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
– अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष या पितृ दोष है तो उसे जीवन में की कष्टों का सामना करना पड़ता है। इससे मुक्ति पाने के लिए नागपंचमी के दिन श्री सर्प सूक्त का पाठ करें। आपको लाभ मिलेगा।
– नागपंचमी के दिन नाग देवता के साथ-साथ भगवान शिव की भी पूजा करनी चाहिए। पूजा में जल और दूध मिलाकर नाग देवता को अर्पित करें। इससे कालसर्प दोष कम होता है और जातक की हर मनोकामना पूरी होती है।
– वहीं अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष है तो नागपंचमी के दिन नाग गायत्री मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से वाग का भय कम हो जाता है और कालसर्प दोष से हो रहे कष्ट कम होते हैं।
– नागपंचमी के दिन राहु और केतु के मंत्रों का जाप करने से भी कालसर्प दोष को कम किया जा सकता है।
राहु मंत्र – ।। ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: ।।
केतु मंत्र – ।। ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:।।