फर्जी डीएसपी ने दुष्‍कर्म पीड़िता के खिलाफ ही दर्ज किया धोखाधड़ी का झूठा केस, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

Featured Latest छत्तीसगढ़ जुर्म

रायपुर : तीन वर्ष पूर्व रायपुर में खुद को डीएसपी बताकर विवाहित महिला से दुष्कर्म करने के आरोपित पियूष तिवारी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। आरोपित ने पीड़ित महिला पर केस वापस लेने के लिए दबाव बनाने उसके पति, पिता और भाई के खिलाफ चार सौ बीसी का केस दर्ज करवाकर जेल भिजवाया था।

विशेष लोक अभियोजक नीलेश ठाकुर ने बताया कि बिलासपुर जिले की रहने वाली अनुसूचित जनजाति की विवाहित महिला ने सिटी कोतवाली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि वर्ष 2018 से 12 दिसंबर 2019 के बीच न्यू कालोनी टिकरापारा निवासी आरोपित पियूष तिवारी (35) ने खुद को अविवाहित और डीएसपी बताकर शादी करने का झांसा देकर आइवीवाय होटल राजेंद्र नगर के रूम नंबर 202 के अलावा अन्य स्थानों पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। जब पीड़िता को पता चला कि आरोपित न तो डीएसपी है और न ही अविवाहित है तब उसने संबंध खत्म कर लिया।

आरोपित ने महिला को धमकी दी कि उसका भाई पुलिस विभाग में निरीक्षक है और वह उसे किसी भी केस में फंसवा सकता है। तब पीड़िता अपने घर चली गई और वर्ष 2018 में इंदौर में शादी कर ली। शादी का पता चलने पर पियूष ने कुम्हारी पुलिस थाने में धोखाधड़ी का झूठा केस दर्ज कराकर उसे, उसके पिता, भाई और पति को गिरफ्तार करवाकर जेल भिजवा दिया था।

बाद में आरोपित ने पीड़िता को केस वापस लेकर राजीनामा करने की बात कही, लेकिन खुद का केस वापस नहीं लिया। आरोपित के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे जेल भेजने के साथ ही आरोप पत्र विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटी) पंकज कुमार सिन्हा की कोर्ट में पेश किया।

न्यायाधीश ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए ठोस सुबूत, गवाहों के बयान के आधार पर आरोपित को दोषी ठहराते हुए अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में आजीवन कारावास के साथ एक हजार रुपये अर्थदंड, धारा 376 (2) (के) और 376 (2)(एन) में दस-दस वर्ष कठोर कारावास, एक-एक हजार रुपये अर्थदंड, धारा 342 में छह माह,पांच सौ रुपये अर्थदंड, धारा 506 (2) में एक वर्ष कठोर कारावास और पांच सौ रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित करने का फैसला सुनाया।

लोगों को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *