गोधन न्याय योजना बना इंद्रू के आय का जरिया, गोबर विक्रय से प्राप्त आमदनी से कराई बहन की शादी

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बेमेतरा : प्रदेश सरकार की फ्लैगशिप योजना गोधन न्याय योजना से गौपालकों और चरवाहों के जीवन में खुशहाली आई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने जब से 02 रूपए प्रति किलो में गोबर की खरीदी प्रारंभ की तब से गोबर का मोल मिलने लगा है। अब यह आय का जरिया बन गया है, जिससे गौपालक और चरवाहे आमदनी पाकर अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं।
यह सफलता की कहानी बेमेतरा जिले के विकासखण्ड साजा के ग्राम मौहाभाठा निवासी इंद्रू यादव की है जो गोबर बेचकर अपनी का विवाह करवाया और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। इंद्रू यादव ने बताया कि वे अपने पिता श्री रज्जु यादव के साथ लगभग 20 वर्षों से चरवाहा का कार्य कर रहा हूँ। चरवाही से प्राप्त राशि के अलावा आमदनी का कोई साधन नहीं होने के कारण परिवार के भरण-पोषण में समस्या का सामना करना पड़ता था। गोधन न्याय योजना के शुरुआत होने से हमारे द्वारा इकठ्ठा किए गए गोबर को किसी किसान को न बेचकर गौठान समिति को बेचना शुरु किये। गौठान में मैंने 112720 किलोग्राम गोबर बेचा जिससे मुझे कुल 225440 रुपये आय प्राप्त हुआ। इस राशि से मैंने अपनी बहन का विवाह करवाया एवं बचत राशि से परिवार का भरण-पोषण कर रहा हूं। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि शासन की इस योजना ने गौ-माता के महत्व को बढ़ाया है।

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