गोधन न्याय योजना : लक्ष्मी स्व सहायता समूह ने गौठान से जुड़कर 9 लाख रुपए से अधिक आय अर्जित की

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महासमुंद : गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ राज्य के गौपालकों, ग्रामीणों और किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण और उत्साहजनक योजना है। यह योजना राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई है और उसका मुख्य उद्देश्य है ग्रामीण क्षेत्रों में जीवनस्तर को सुधारने, गौपालकों, ग्रामीणों और किसानों को समृद्धि प्राप्त करने, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए धरोहर (गोधन) के उपयोग को प्रोत्साहित करना है। बसना विकासखंड के ग्राम ठूठापाली अंतर्गत लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह ने योजना की शुरुआत से अब तक वर्मीकपोस्ट खाद, सब्ज़ी बाड़ी, मुर्गी पालन व अन्य विभिन्न गतिविधियों से गौठान में रुपये 9,19,882 की कमाई की।
योजना के तहत महासमुंद जिले के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र के गौठानों में नियमित गोबर की खरीदी व वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। इस योजना को तीन साल पूरे हो गए है। यह योजना 20 जुलाई 2020 को शुरू हुई थी। विकास खण्ड बसना की बात करें तो यहाँ के सभी गौठानो मे गोबर की खरीदी और वर्मी खाद तैयार करने की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है। बसना से तक़रीबन 18 किलोमीटर दूर ग्राम ठूठापाली में लक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों द्वारा अब तक 2102 क्विंटल जैविक खाद उत्पादन व अन्य सामग्री तैयार कर 6 लाख 23 हज़ार रुपये कमाए है। इसमें इनमें सुपर कम्पोस्ट खाद् 802 क्विंटल एवं वर्मी कम्पोस्ट खाद् 1300 क्विंटल शामिल है।
इसके साथ-साथ स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा गौठान में सब्जी बाड़ी एवं मुर्गी पालन का कार्य करते हुए परिवार की आर्थिक स्थिति को काफी मजबूत किया गया है। लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा वर्मी खाद् के अलावा सब्जी बाड़ी एवं मुर्गी पालन से लगभग आय अर्जित में से सब्जी बाड़ी का 34450 रूपये एवं मुर्गी पालन से 262400 रूपये आय प्राप्त हुआ है। जिसमें पूर्ण रूप से संबंधित विभाग द्वारा सहयोग किया गया । इस प्रकार समूह का कुल आय 919882 रूपये अर्जित हुआ है। लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूहों के सदस्यों द्वारा बताया गया कि गोधन न्याय योजना से जुड़ने के पूर्व उनकी स्थिति बंद दरवाजा में रहकर घर संभालने एवं बच्चों के लालन पालन एवं अन्य घरेलू कार्य में सिमट कर रह जाती थी। किन्तु गोधन न्याय योजना मे जुडने के बाद हमारी आर्थिक स्थिति में काफी ज्यादा सुधार आया है। इसके साथ ग्रामीण महिलाएं अपने बल पर अतिरिक्त आय कर पारिवारिक आर्थिक स्थिति और बेहतर कर रही है। आज कि स्थिति में ग्रामीण स्तर पर शासन ही हर भावी योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर उनके प्रति कार्य करने एवं अपनी बातों को ग्रामीण जनसमुदाय में स्पष्ट रूप रख पाने में सक्षम हो गयी है। ये सिर्फ गोधन न्याय योजना में जुड़ने से उनकी मनोबल बढ़ने के साथ सशक्त भी हुई है।

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