बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इंसाफ की एक मिसाल पेश करते हुए दो नाबालिग बच्चियों से सामूहिक दुष्कर्म और उन्हें धमकाने वाले 9 दोषियों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। यह फैसला बलौदाबाजार की स्पेशल एट्रोसिटी कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गई अपीलों पर सुनाया गया।
हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों की अपीलों को खारिज करते हुए स्पेशल कोर्ट के फैसले को पूरी तरह उचित ठहराया। मामले की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि, आरोपियों ने दो नाबालिग बच्चियों का अपहरण कर उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
पीड़िताओं के परिजनों को धमकी भी दी गई थी
इतना ही नहीं, उन्होंने इस अमानवीय हरकत का वीडियो बनाकर पीड़िताओं के परिजनों को धमकी भी दी। जांच में आरोपियों पर पॉक्सो एक्ट, अपहरण, बलात्कार और धमकी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। हाईकोर्ट के इस फैसले से पीड़ित परिवारों को राहत मिली है, वहीं समाज के लिए यह कड़ा संदेश भी गया है कि, बच्चों के साथ दरिंदगी करने वालों को कानून किसी भी सूरत में माफ नहीं करेगा।