शराब के सेवन से कूल्हे खराब, छह माह से बिस्तर पर पड़े युवक को पैरों पर किया खड़ा

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रायपुर :  छत्तीसगढ़ में युवाओं में कूल्हे खराब होने के केस बढ़ रहे हैं। इसका कारण अधिक शराब पीना है। ऐसे में कम उम्र में घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण करना पड़ रहा है। शराब सेवन से कूल्हे खराब होने की वजह से छह माह से बिस्तर पर पड़े राजधानी के बजरंगनगर निवासी 33 वर्षीय प्रकाश माली का आंबेडकर अस्पताल के अस्थि रोग विभाग के डाक्टरों ने जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी (टोटल हिप रिप्लेसमेंट) करके पैरों पर खड़ा कर दिया है। प्रकाश माली अब पूरी तरह से अपने पैरों पर चलने में समर्थ है। प्रकाश माली 18 वर्ष की उम्र से ही शराब का सेवन करने लगा। विगत दो वर्षों से चलने में दिक्कत होने लगी। विगत छह माह से वह पूरी तरह चलने में असमर्थ हो गया तो स्वजन निजी अस्पतालाों में इलाज शुरू कराया। इलाज के बाद भी उसकी हालत में सुधार नहीं आया।

प्रकाश को एंबुलेंस से लेकर स्वजन आंबेडकर अस्पताल पहुंचे। यहां पर अस्थि रोग विभाग की ओपीडी में डा राजेंद्र अहिरे को दिखाया। डा अहिरे ने जांच कराई तो पाया कि कुल्हे पूरी तरह से खराब हो गए हैं। उन्होंने जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी कराने के लिए कहा तो स्वजन आर्थिक स्थित ठीक नहीं होने से असमर्थता जताई। डा राजेंद्र अहिरे ने जब बताया कि अस्पताल में सर्जरी निश्शुल्क हो जाएगी तो स्वजन तैयार हो गए।

डा राजेंद्र अहिरे, डा अनिल कुण्डु और डा सौरभ जिंदल ने एक-एक माह के अंतराल में कूल्हे की सर्जरी कर प्रकाश को पैरों पर खड़ा कर दिया है। प्रकाश अब पूरी तरह से स्वस्थ होकर अपने पैरों पर खड़ा होकर परिवार का जीवनयापन करने लगा है। प्रकाश ने बताया कि अब उसने शराब का सेवन करना छोड़ दिया है। प्रकाश की पत्नी गीतामाली ने बताया कि पति एक छोटे होटल में खाना बनाने का काम करते हैं। उनके बीमार होने से आर्थिक स्थित काफी खराब हो गई थी। बच्चे की पढ़ाई छुड़वाने तक की स्थिति निर्मित हो गई थी।

आठ से दस लाख तक खर्च

मरीजों को कूल्हे की हड्डी के प्रत्यारोपण की सुविधा आंबेडकर अस्पताल में मिलती है। निजी अस्पतालों में प्रत्यारोपण के एवज में आठ से दस लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। डाक्टर अहिरे ने बताया कि यहां डा खूबचंद्र बघेल स्वास्थ्य योजना से आपरेशन हुआ, जिसमें बेहद कम खर्च में इलाज पूर्ण हो गया। उन्होंने बताया कि मरीज जब हमारे यहां आया तो स्ट्रेचर से उठने में असमर्थ था। कूल्हे में सूजन और लगातार दर्द की शिकायत थी। जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी नहीं होती तो मरीज को जान गंवानी पड़ सकती थी, क्योंकि बिस्तर पर ज्यादा दिनों से पड़े होने से अल्सर व अन्य बीमारियाें के होने की संभावना रहती है।

क्या है जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी

अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. राजेंद्र अहिरे के मुताबिक टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी कूल्हे की जोड़ में होने वाले दर्द से राहत दिलाने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया है। इस सर्जरी के जरिए कृत्रिम अंग को सही जगह पर स्थापित करने में मदद मिलती है। मरीज की चलने-फिरने की प्रक्रिया को यथावत रखने के लिए कृत्रिम अंग को लगाने की प्रक्रिया ही टोटल हिप रिप्लेसमेंट है। इस प्रक्रिया में बेकार हुए जोड़ों को बदला जाता है।

कोरोनाकाल के बाद बढ़े केस

डा. राजेंद्र अहिरे के मुताबिक युवाओं के शराब और स्टेरायड के सेवन से कूल्हे खराब हो रहे हैं। ऐसे में कम उम्र में घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण करना पड़ रहा है। अल्कोहल कूल्हे में ब्लड सप्लाई रोक देता है। इसके कारण कूल्हे खराब हो जाते हैं। कोरोनाकाल के बाद केस बढ़े हैं। अस्थिराेग विभाग में कोरोना से पहले माह में जहां पांच से छह केस जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी के आते थे, अब यह संख्या दस तक पहुंच गई है।

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