कैसे नक्सली बना बसव राजू : छोटे भाई ने बताया कालेज के समय गया जेल फिर वहा से निकलकर नहीं लौटा घर

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नारायणपुर। देश के सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ नारायणपुर सीसी मेंबर बी आर दादा उर्फ बसव राजू नक्सल संगठन से जुड़ने से पहले जेल जा चुका था। झगड़े में छात्रा की मौत से जुड़े मामले में वह जेल गया और छूटने के बाद उसकी दशा और दिशा बदल गई। पिछले दिनों बसव को सुरक्षा बलों द्वारा मार गिराया गया। नक्सलवाद का सबसे बड़ा लीडर बसव राजू के भाई नबाला राम प्रसाद एवं अन्य परिजन उसका शव लेने पहुंचे हुए हैं।

बसव राजू के छोटे भाई ने बताया कि 8 साल की उम्र से ही कॉलेज के दौरान कॉलेज की छात्रा की लड़ाई झगड़े में मौत होने से जेल गया था। जेल से बेल मिलने के बाद कुछ समय तक घर में ही बिताया, फिर अचानक घर से बिना बताए बाहर निकाला। उसके बाद कभी दोबारा घर लौट कर नहीं आया। बसवा राजू पिता के देहांत होने पर भी घर नहीं आया। बसवा राजू की मां खबर मिलने आखिरी बार देखने का उम्मीद है।

‘एमटेक तक की पढ़ाई

बसवा राजू की छोटे भाई नबाला रामप्रसाद ने कहा कि,  10वीं की पढ़ाई तक साथ रहे। उसके बाद वह कॉलेज करने गया, बाहर बसवा राजू ने एमटेक तक की पढ़ाई की है और पढ़ाई करते कॉलेज में लड़ाई झगड़ा चलते जेल गया। उसके बाद घर से बाहर चला गया। कुछ टाइम बात पता चला कि वह नक्सली संगठन में है।

सरकार की योजनाओं का करता था विरोध

बसवराजू के दो भाई और हैं, जो गांव में खेती किसानी करते हैं और अपने जीवन यापन करते हैं। यहां सरकार के नियम कानून का पालन करते हैं, लेकिन वहीं बड़ा भाई बसवा राजू सरकार की योजनाओं का विरोध करता रहा। नक्सली संगठन का सबसे बड़ा महासचिव बना और छत्तीसगढ़- नारायणपुर नहीं, बस्तर समेत कई राज्यों में नक्सली विचारधारा को बढ़ावा दिया।

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