मैंने बजरंगियों के त्याग पर सवाल उठाया उसका जवाब तो दिया नहीं, बस सर्टिफिकेट बांट दिया : भूपेश बघेल

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हरियाणा के मंत्री अनिल विज के “राक्षसवाले बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी तंज भरी प्रतिक्रिया

रायपुर| हरियाणा के मंत्री अनिल विज के “राक्षस’ वाले बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तंज भरी प्रतिक्रिया आई है। मुख्यमंत्री ने कहा, मैंने अपने बयान में जो सवाल उठाया था उसका सवाल तो उन्होंने दिया नहीं। अब सर्टिफिकेट बांट दिया। इनके पास सर्टिफिकेट की फैक्ट्री है जो ये लोग बांटते रहते हैं। भाजपा के खिलाफ बोलो तो धर्मद्रोही, केंद्र सरकार के खिलाफ बोलो तो देशद्रोही और इनके खिलाफ बोलो तो राक्षस?

बिलाईगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भेंट-मुलाकात के लिए रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री रायपुर पुलिस लाइन हेलीपैड पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। अनिल विज के बयान से जुडे सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, केसरिया, भगवा अथवा गेरुआ रंग त्याग का प्रतीक है। कोई संन्यासी, ऋषि-मुनी जब सब त्याग देता है और पूरा जीवन समाज के लिए समर्पित कर देता है तो वह भगवा, केसरिया या गेरुआ रंग धारण करता है। मैंने पूछा था कि ये जो बजरंगी हैं उन्होंने कौन सा त्याग किया है जो भगवा धारण किये हुए हैं। उसका जवाब तो दिया नहीं। अब सर्टिफिकेट बांट दिया। इनकी तो आदत है। भाजपा के खिलाफ बोलो तो धर्म विरोधी हो जाओ, केंद्र सरकार के खिलाफ बोलो तो देशद्रोही हो जाओ। इनके खिलाफ बोलो तो राक्षस। सर्टिफिकेट की फैक्ट्री है इनके पास जो बांटते रहते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, कपड़े तो कोई भी पहनता है। आप काला पहनकर आये हैं तो इसका मतलब थोड़े है कि आप मेरा विरोध करने आए हैं। यह रंग है, लोग हर रंग के कपड़े रोज बदलते हैं। पहनने में और धारण करने में यानी अंगिकार करने में अंतर है। अब अगर आपने भगवा रंग धारण किया है तो बताएं कि क्या त्याग किया। यही तो मैं पूछ रहा हूं कि बजरंग दल वालों ने त्याग क्या किया है। भगवा त्याग का प्रतीक है। भारतीय परंपरा त्याग को सर्वोच्च स्थान देती है। इसलिए हमारे तिरंगे में इसको सबसे ऊपर स्थान दिया गया है। जिसने देश और समाज के लिए सर्वोच्च त्याग किया है उसका सबसे अधिक सम्मान होता है। अब ये बताएं कि क्या त्याग किया है।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर केंद्र सरकार और भाजपा की आलोचना की। उन्होंने कहा, मुख्य बात यह है कि देश की सीमा की सुरक्षा होनी चाहिए। हमारी सेना दुनिया की गिनी-चुनी सेनाओं में से एक है। पूरे भारतीयों को उनपर गर्व है लेकिन जिस प्रकार से भाजपा की केंद्र सरकार सीमा को लेकर मौन साधे बैठी है। संसद चल रहा है उसमें चर्चा करने से भाग रही है। विपक्ष जब मांग कर रहा है तो सरकार भाग क्यों रही है, चर्चा करना चाहिए। संसद किस लिए है, चर्चा करने के लिए ही ना। सेना की क्षमता पर किसको शंका है भाई? सेना को कमजोर करने के लिए ही ये अग्निवीर ले आए। चार साल में प्रशिक्षण करेंगे कि सीमा पर तैनात होंगे। वह 17 साल में भर्ती होगा और 21 साल में रिटायर हो जाएगा। शादी के कार्ड में छपेगा रिटायर्ड अग्निवीर। सेना को कमजोर करने का काम तो भाजपा की केंद्र सरकार कर रही है।

राज्यपाल अनुसूईया उइके के राष्ट्रपति और केंद्रीय गृह मंत्री आदि से मुलाकात के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, राज्यपाल वहां गई हैं तो उन्हें कहना चाहिए कि इस कानून को नवीं अनुसूची में भी शामिल करें। यहां आकर विधेयकों पर दस्तखत करें और राष्ट्रपति के पास भेजें अनुसूची 9 में शामिल कराने के लिए। वे हमारी संविधानिक प्रमुख हैं, इसलिए उनकी जिम्मेदारी अधिक है। वह राष्ट्रपति को इसके लिए तैयार करके आएं। छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग और ई डब्लूएस के हितों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रपति को कन्वींस करके आएंगी, ऐसा मैं मानता हूं और मुझे उम्मीद है।

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