राजिम कुंभ कल्प मेला 2025 का शुभारंभ : माघी पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने लगाई त्रिवेणी संगम में डुबकी, उमड़ी भीड़

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राजिम। माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को राजिम के त्रिवेणी संगम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पुन्नी स्नान का पुण्य लाभ प्राप्त किया। इसी के साथ राजिम कुंभ कल्प 2025 का भी शुभारंभ हो गया। आज माघ पूर्णिमा के शुभ अवसर पर अंचल सहित प्रदेश के कोने-कोने से पहुंचे श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम पैरी, सोढ़ूर और महानदी में तडके सुबह से डुबकी लगाकर पुण्य स्नान कर अपने आप को धन्य किया।

स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने श्री राजीव लोचन और कुलेश्वरनाथ महादेव के मंदिर पहुंचकर दर्शन कर अपने परिवार की खुशहाली और सुख समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा। दोनों मंदिरों के अलावा श्रद्धालु लोमश ऋषि आश्रम, राजिम भक्तिन माता मंदिर, मामा-भांचा मंदिर, राजराजेश्वर, दानदानेश्वर, बाबा गरीबनाथ महादेव का दर्शन किया।

श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी 

श्रद्धालुओं ने तीनों नदी, पैरी, सोढूर और महानदी के संगम में डुबकी लगाने के बाद नदी के रेत में शिवलिंग बनाकर उसमें नारियल, बेल पत्ता, धतुरे का फूल, दूध चढ़ाकर पूजा अर्चना कर नदी में दीपदान किया। सूर्योदय के पूर्व पुन्नी स्नान का बड़ा महत्व है। दीप दान किए जाने का भी धार्मिक महत्व है, इसलिए नदी की धार में दीप दान कर श्रद्धालु सीधे श्री राजीव लोचन और भगवान श्री कुलेश्वरनाथ महादेव के दर्शन के लिए लोग पहुंचे।

श्री राजीव लोचन का जन्मोत्सव

माघ पूर्णिमा के दिन भगवान श्री राजीव लोचन का जन्म दिवस है। इसके उपलक्ष्य में सदियों से राजिम के इस पावन भूमि में मेले भरते आ रहा है। भगवान का जन्मोत्सव मंदिर प्रांगण में बैंड-बाजे के साथ बहुत ही धूम-धाम से मनाया गया है। भगवान के पूजा के बाद नया लाल ध्वज मंदिर के कलश में चढ़ाया गया। माघ पूर्णिमा को लेकर भगवान श्री राजीव लोचन का मंदिर दमकने लगा है। बिजली की झालर और तेज लाइट की रोशनी से जगमगाने लगा है।

26 फरवरी को होगा समापन

छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक राजिम कुंभ कल्प मेले का स्वरूप भी इस बार बदला हुआ है। इस वर्ष कुंभ कल्प की थीम पंचकोशी धाम पर आधारित है, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिकता और संस्कृति का भव्य अनुभव प्रदान करेगी। इस आयोजन के तहत धार्मिक अनुष्ठान, प्रवचन, संत समागम और आध्यात्मिक संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। राजिम कुंभ कल्प मेले में देशभर से साधु-संतों, कथा वाचकों और श्रद्धालुओं का आगमन होगा। धार्मिक कार्यक्रमों के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति, लोककला और आध्यात्मिक संगोष्ठियों का आयोजन इस बार के कुंभ कल्प मेले को विशेष बनाएगा।

श्रद्धालुओं के लिए  की गई बेहतर व्यवस्था 

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पेयजल, शौचालय, पार्किंग, ठहरने और खाने-पीने की विशेष व्यवस्था की गई है। मेला प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था, यातायात नियंत्रण और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। 15 दिवसीय राजिम कुंभ का 26 फरवरी महाशिवरात्रि को होगा। इसके अंतर्गत संत समागम का आयोजन 21 फरवरी से 26 फरवरी मार्च तक रहेगा। इस दौरान तीन पर्व स्नान 12 फरवरी माघ पूर्णिमा, 21 फरवरी जानकी जयंती और 26 फरवरी महाशिवरात्रि को होगा।

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