भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार ने सूचना आयुक्त की उस मांग से इकार कर दिया, जिसमें मुफ्त बिजली की मांग की गई थी. नियमों का हवाला देते हुए सरकार ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने जवाब देते हुए कहा है कि इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है. सरकार की ओर से सूचना आयुक्त को केवल वेतन दिया जाएगा. अतिरिक्त खर्च के लिए कोई राशि नहीं दी जाएगी.
क्या है पूरा मामला?
राज्य सूचना आयोग में नियुक्त सूचना आयुक्त ओंकार नाथ ने पत्र लिखकर ये जानना चाहा कि क्या उनके आवास की बिजली का बिल सरकार वहन करेगी. इस पर सामान्य प्रशासन विभाग ने 15 मार्च 2024 के विधि और विधायी के राजपत्र का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया. ये पत्र सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव सुमन रायकवार की ओर से जारी किया गया.
पत्र में क्या जवाब दिया गया?
सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी पत्र में लिखा गया कि केन्द्रीय सरकार, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन नई दिल्ली की अधिसूचना दिनांक 24 अक्तूबर 2019 के अध्याय IV में राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त की पदावधि, वेतन, भत्ते और सेवा निबंधन और शर्तों में केवल नियत वेतन का उल्लेख है.
इसके साथ ही पत्र में लिखा गया है कि विधि और विधायी कार्य विभाग के राजपत्र दिनांक 15 मार्च 2024 अनुसार किसी भी तरह से बिजली बिल के भुगतान की बात नहीं है.