गरियाबंद : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में एक डेढ़ साल का मासूम गहरे कुएं में जा गिरा मगर बुआ के साहस के चलते मासूम की जान बच गई। बुआ ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए तत्काल कुएं में छलांग लगा दी किंतु तब तक बच्चे के पेट में पानी भर चुका था और सांस लगभग बंद हो रही थी इसके बाद बच्चे के पेट में भरा पानी दबाकर और बच्चे को उल्टा कर निकाला। इसके बाद बच्चे को मुंह से सांस दी तब जाकर बच्चे की धड़कन फिर चालू हुई। यह घटना ग्राम केरगांव की है। हालांकि, बच्चे की हालत अभी भी पूरी तरह ठीक नहीं हुई है, जिसे देखते हुए जिला चिकित्सालय से उसे रायपुर रेफर किया गया है।
केरगांव के ध्रुव परिवार के यहां आज शाम उस वक्त हड़कंप मच गया। जब दादी ने देखा कि डेढ़ साल का मासूम हर्ष ध्रुव कुएं में गिर गया है और छटपटा रहा है। दादी से देख कर रोने लगी बच्चे की मां दौड़ कराई तो उसे भी कुछ नहीं सूझा चीख-पुकार मचाने पर कुछ और लोग पहुंचे। मगर गहरा कुआं देखकर हर कोई डरा हुआ था। इसी बीच बच्चे की बुआ गायत्री ध्रुव ने बच्चे की जान बचाने अपनी जान की परवाह ना करते हुए अंधेरा होने के बावजूद 20 फीट गहरे कुएं में छलांग लगा दी और कुएं में बच्चे को ढूंढने लगी।
मुंह से बच्चे को सांस देकर बुआ ने बचाई मासूम की जान
गरियाबंद जिला अस्पताल में साहसी बुआ गायत्री ध्रुव ने बताया कि नीचे बच्चे को ढूंढने पर उसकी सांस लगभग बंद हो रही थी। पेट और सीने में पानी भर गया था। बच्चे को उल्टा कर पेट को दबाकर पानी निकाली। फिर भी सांस नहीं चालू हुई तो मुंह से बच्चे को सांस देकर कई बार फेफड़े में दबाने के बाद और खूब पानी निकला और बच्चे की सांस किसी तरह काफी मेहनत के बाद चालू हुई। ऊपर से दूसरे लोगों ने जब रस्सी फेंकी तो अपने साथ लपेटकर बच्चे को लेकर स्वयं ऊपर आई।
कुएं में कूदने के चलते साहसी बुआ का टूटा पैर
तब तक लोगों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया। 108 केएमटी कृष्णा निषाद कथा पायलट शोभाराम में तत्परता दिखाते हुए तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर प्राथमिक उपचार करते हुए बच्चे को गरियाबंद जिला चिकित्सालय लाया। यह वरिष्ठ चिकित्सक डा हरीश चौहान ने बच्चे को आक्सीजन देते हुए उसके फेफड़े में पानी भरने के चलते गंभीर स्थिति होने पर उसे रायपुर रेफर कर दिया गया। वहीं दुखद बात यह भी है कि कुएं में कूदने के चलते साहसी बुआ का पैर टूट गया जिसे गरियाबंद में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।