पत्रकार व सोशल एक्टिविस्ट की पीट-पीटकर हत्या फिर जला दी लाश, 4 आरोपी गिरफ्तार  

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सरपंच ने पत्रकार को पीटकर मार डाला फिर  मांगी फिरौती,  गुमराह करने के लिए इनाम की घोषणा कर दी

रायपुर| कवर्धा जिले में सोशल एक्टिविस्ट और पत्रकार की हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। असल में उसकी हत्या उसके ही पहचान वाले एक सरपंच ने की थी। सरपंच ने पहले पत्रकार को पीट-पीटकर मार डाला था। फिर अपने साथियों के साथ मिलकर उसकी लाश को जला दिया। इसके बाद अपने-अपने साथियों से पत्रकार के घरवालों को फोन कर फिरौती भी मंगवाई। इतना ही नहीं किसी को शक न हो इसलिए उसने 10 हजार रुपए इनाम की भी घोषणा कर दी थी। इसके बावजूद पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई है।

विवेक चौबे (34) मठपारा में अपनी बहन के साथ रहते थे। वे 12 नवंबर से लापता हो गए। इस वजह से 16 नवंबर को उनके एक परिचित ने लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने मामले में जांच शुरू की। पुलिस ने उस दौरान काफी जांच पड़ताल की। मगर कुछ पता नहीं चल सका था। फोन की लोकेशन ट्रेस करने पर पत चला कि बोड़ला क्षेत्र में उनका फोन बंद हुआ था पुलिस ने मौके पर जाकर पड़ताल की। फिर भी कोई जानकारी सामने नहीं आ सकी थी। इसके बावजूद पु्लिस लगातार इस केस में जांच करती रही। इस बीच विवेक की बहन ने पुलिस को बताया कि उसे एक अज्ञात नंबर से फोन आया था। फोन करने वाले ने कहा कि तुम्हारा भाई मेरे कब्जे में है। उसे छुड़वाने के लिए सोने, चांदी और कैश लगेंगे। वो लेकर आओ भाई वापस मिल जाएगा। ऐसे में पुलिस ने फोन करने वालों का पता लगाया जांच में पता चला कि जिस नंबर से फोन आया था, उसका इस मामले से सीधे कोई लेना-देना नहीं था। उनसे किसी तीसरे शख्स से फोन लेकर कॉल किया था। परिजनों ने यह भी बताया था कि विवेक ने कहा है कि वह बोक्करखार जा रहा है। वहां उसे किसी से मुलाकात करनी है तब से ही पुलिस को बोक्करखार के सरपंच अमित यादव पर शक था लेकिन पुलिस के पास कोई ठोस सबूत नहीं थे।

इस बीच सरपंच अमित यादव ने भी घोषणा कर दी थी कि जो कोई विवेक की जानकारी देगा, उसे वह 10 हजार रुपए का इनाम देगा। उधर पुलिस की जांच जारी रही। काफी सीसीटीवी कैमरे खंगालने पर भी कुछ पता नहीं चल पा रहा था। इस बीच 21 दिसंबर पुलिस को सूचना मिली कि धवईपानी से कुण्डपानी की ओर जाने वाले रास्ते पर फॉरेस्ट के पेट्रोलिंग कैम्प के अंदर पहाड़ी में कुछ राख मिली है। उसमें कुछ हड्डियां भी हैं। फिर पुलिस की एक टीम को मौके पर भेजा गया। पुलिस ने उसी दौरान शक जताया कि यह हड्डियां किसी इंसान की हो सकती हैं। इसलिए जांच के लिए हड्डियों को रायपुर मेकाहारा भेजा गया। यहां पता चला कि जो हड्डियां मिली हैं, वह इंसान की ही हैं। ईसके बाद पुलिस ने बोक्करखार सरपंच अमित यादव को हिरासत में लिया। उससे पूछताछ शुरू की लेकिन उसने पुलिस को गुमराह करना शुरू किया। काफी पूछताछ करने पर भी वह लगातार बहाने बनाता रहा। मगर काफी सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि उसी ने विवेक की हत्या कर शव

अमित ने बताया कि 12 नवंबर को विवेक उससे मिलने आया था। हम दोपहर से रात तक साथ में थे। मगर रात के वक्त विवेक किसी बात को लेकर विवाद करने लगा। विवाद इतना बढ़ा गया कि मैंने उसे पीट दिया। पीटने से वह बुरी तरह घायल हो गया था। इसके बाद भी वह बाइक से जाने की कोशिश कर रहा था। इसलिए मैंने उसे फिर पीटा तब उसकी सांसें चलनी बंद हो गईं। ये देखकर मैं घबरा गया। अमित ने बताया कि घबराने के बाद मैंने अपने भाई सुखसागर यादव और नंदलाल मेरावी और जगदीश धुर्वे को बुलाया। इसके बाद हम शव को लेकर जंगल गए। वहां हमने पेट्रोल छिड़ककर शव को जला दिया। किसी को शक न हो। इसलिए बाइक को जंगल में ही टुकड़े करके गाड़ दिया। इतना ही नहीं रात भर हम वहीं रहे। अगले दिन घर में हमने बताया कि कवर्धा किसी काम से जा रहे हैं। इसके बाद फोन करवा कर फिरौती मंगवाई। इसके बावजूद पुलिस उन तक पहुंच गई। पुलिस ने अमित की निशानदेही पर ही सुखसागर यादव, दलाल मेरावी और जगदीश धुर्वे को भी गिरफ्तार कर लिया। सरपंच ने ये भी बताया कि हमारे बीच पैसे के लेन-देन भी था। जिस बात को लेकर झगड़ा हुआ। पुलिस ने इस केस में सरपंच समेत 4 आरोपी को गिरफ्तार किया है।

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