चैत्र नवरात्रि पर तात्यापारा के ऐतिहासिक प्राचीन हनुमान मंदिर में कीर्तन का आयोजन

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सांगली के कीर्तनकार संध्या संतोष पाठक के मुखारविंद से श्रोताओं को मिलेगा कीर्तन सुनने का लाभ

रायपुर| राजधानी के तात्यापारा चौक में स्थित ऐतिहासिक प्राचीन हनुमान मंदिर अपनी प्रथा एवं यहां होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कारण प्रसिद्ध है। यहां 100 वर्षों से अधिक समय से चैत्र नवरात्रि पर कीर्तन होता है। कीर्तन की परंपरा सर्वप्रथम संत ज्ञानेश्वर महाराज से प्रारंभ हुई एवं कालांतर में संत नामदेव महाराज ने इसे और परिष्कृत किया।

ब्रिटिश काल में कीर्तन का उपयोग राष्ट भक्ति की ज्वाला जगाने स्वतंत्रता के महान सैनिक स्वातंत्र्य वीर बाल गंगाधर तिलक ने किया। परतंत्रता के काल में संतों के चरित्र गान कर समाज में स्वतंत्रता के लिए त्याग व समर्पण की भावना जगाना एक महान कार्य रहा।कीर्तन में भक्ति व वैराग्य के साथ समसामयिक विषय, राष्ट्रीयता, समाज की कुरीतियां आदि विषयों को लिया जाता है। संगीतमय कीर्तन श्रोताओं को बहुत आनंद प्रदान करता है। समाज को सही मार्ग दिखाने वाले संतों के चरित्र आज भी प्रासंगिक है। इस वर्ष सांगली से पधार रही कीर्तनकार संध्या संतोष पाठक के मुखारविंद से कीर्तन सुनने का लाभ श्रोताओं को मिलेगा।

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