मनरेगा से बदली ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर : डबरी निर्माण से किसानों की आय और उत्पादन में हो रही वृद्धि

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रायपुर : राज्य शासन द्वारा संचालित महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत कराए जा रहे हितग्राही मूलक कार्य ग्रामीणों की आजीविका को नई दिशा दे रहे हैं। जल संरक्षण और सिंचाई सुविधाओं के विस्तार से जहां कृषि उत्पादन में वृद्धि हो रही है, वहीं किसानों की आय के स्थायी साधन भी मजबूत हो रहे हैं।

इसका प्रत्यक्ष उदाहरण बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विकासखण्ड शंकरगढ़ अंतर्गत ग्राम पंचायत दोहना के निवासी श्री बसंत हैं, जिनके जीवन में मनरेगा के तहत डबरी (फार्म पोंड) निर्माण से सकारात्मक बदलाव आया है। श्री बसंत बताते हैं कि पहले वे केवल वर्षा के पानी पर निर्भर थे, जिससे बेमौसम बारिश और पानी की कमी के कारण खेती करना कठिन हो जाता था और पर्याप्त फसल नहीं मिल पाती थी।

ग्रामसभा के माध्यम से मनरेगा योजना के तहत डबरी निर्माण जैसे व्यक्तिगत हितग्राही मूलक कार्यों की जानकारी मिलने पर श्री बसंत ने आवेदन किया। स्वीकृति के पश्चात् उनकी भूमि पर कृषि डबरी का निर्माण पूर्ण हुआ। 2.5 एकड़ भूमि वाले श्री बसंत अब सिंचाई सुविधा के कारण खरीफ और रबी दोनों मौसम की फसलें ले पा रहे हैं, जिससे उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

डबरी निर्माण से न केवल खेतों की सिंचाई सुचारु हुई है, बल्कि पशुओं के लिए पेयजल की व्यवस्था भी संभव हो पाई है। इसके साथ ही श्री बसंत ने डबरी में मत्स्य पालन की शुरुआत की है, जिससे अतिरिक्त आय की संभावना भी बनी है। वे बताते हैं कि अब अपनी आर्थिक स्थिति में स्पष्ट सुधार महसूस कर रहे हैं।

श्री बसंत आज अन्य ग्रामीणों को भी डबरी निर्माण के महत्व और मनरेगा योजना का लाभ लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। राज्य भर में मनरेगा के माध्यम से किए जा रहे ऐसे जल संरक्षण कार्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ-साथ किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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