मनी लॉन्ड्रिंग मामला : सौम्या 27 जनवरी तक, आईएएस ‌विश्नोई 14 फरवरी तक बढ़ी, सूर्यकांत समेत बाकियों की रिमांड

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ईडी की विशेष अदालत में हुई सुनवाई, सभी आरोपियों को किसी भी तरह की राहत नहीं

रायपुर| शुक्रवार को ईडी मामले में फिर से सुनवाई हुई, उप सचिव सौम्या चौरसिया, आईएएस समीर विश्नोई, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल जेल में हैं। ईडी की विशेष अदालत के न्यायाधीश अजय कुमार सिंह की अदालत में यह सुनवाई हुई। फिलहाल अदालत ने इन सभी आरोपियों को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है। सभी को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग और खनिज में हुए अवैध लेनदेन का आरोपी बनाया है।

बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि न्यायालय ने पहले ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी के लिए कहा था। आज सूर्यकांत तिवारी और अन्य की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी हुई। जिसमें उनकी न्यायिक रिमांड को 14 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है। वहीं सौम्या चौरसिया की न्यायिक रिमांड की 27 जनवरी तक बढ़ा दी गई है। वकील हर्षवर्धन परगनिया ने बताया आज हमने सौम्या चौरसिया के बिहाफ में बेल एप्लीकेशन दी, न्यायालय ने बेल एप्लीकेशन की सुनवाई के लिए 19 जनवरी की तारीख दी है। हमारे द्वारा कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप शेड्यूल ऑफेंस में नहीं है, ना ही हमारी कोई संलिप्तता है, ना ही हमारा नाम दिया गया है। हमारे द्वारा बाकी भी तर्क दिए गए हैं जो की सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किए जाएंगे।

प्रवर्तन निदेशालय ने 11 अक्टूबर को प्रदेश के कई अफसरों और कारोबारियों के ठिकानों पर छापा मारा था। प्रारंभिक जांच और पूछताछ के बाद 13 अक्टूबर को इस मामले में छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी-चिप्स के तत्कालीन सीईओ  समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और वकील और कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सौम्या को 2 दिसम्बर को गिरफ्तार किया गया था। उस दिन ईडी  ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन अदालत ने केवल 4 दिन की रिमांड मंजूर कर मनी लॉन्ड्रिंग केस के सभी आरोपियों के साथ चौरसिया को भी 6 दिसम्बर को पेश करने का आदेश दिया था। बाद में ये तारीख और बढ़ते गई थी। 29 अक्टूबर को इस मामले में एक अन्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी ने अदालत में समर्पण कर दिया। 10 दिन की पूछताछ के बाद सूर्यकांत को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। तब से चारों आरोपी जेल में बंद थे।

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