रायपुर। जून में उमस भरी गर्मी से परेशान हो चुके प्रदेश के लोगों को राहत देने के लिए बंगाल की खाड़ी में राहत का सिस्टम यानी चक्रीय चक्रवाती घेरा तैयार हो चुका है। इसके प्रभाव से दो दिन में बारिश की गतिविधि शुरू होगी और 15 जून तक दक्षिण-पश्चिम मानसून के सक्रिय होने की संभावना है। अभी वातावरण में मौजूद नमी और तेज गर्मी के प्रभाव से बादल छा रहे हैं, जो कुछ स्थानों पर प्री-मानसून का कारण बन सकते हैं।
दक्षिण-पश्चिम मानसून पिछले 11 दिन से दंतेवाड़ा में अटका पड़ा है और प्रदेश में बारिश की गतिविधि पूरी तरह थमने की वजह से लोग उमस वाली गर्मी से हलाकान हो चुके हैं। कमरे के भीतर उमस भरी बेचैनी और बाहर तेज धूप ने लोगों को हलाकान कर रखा है। सोमवार को आसमान पर बादल छाए रहने की वजह से अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस से आगे नहीं बढ़ पाया। बादल के कारण धूप का प्रभाव थोड़ा कम रहा, मगर उमस ने असर दिखाने में कोई कमी नहीं छोड़ी।
15 जून के आसपास से व्यापक वर्षा संभावित
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है आने वाले दिनों में बारिश की गतिविधि बढ़ने से उमस भरी गर्मी से राहत मिल सकती है। वर्तमान में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव कम होने के साथ उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी-दक्षिण गंगेटिक पश्चिम बंगाल-तटीय उड़ीसा के ऊपर बना ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण अपना रूप बदलकर कम दबाव का क्षेत्र बनेगा। कल 10 जून को प्री-मानसून के रूप में एक दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। 11 जून से अधिकतम तापमान में गिरावट का दौर प्रारंभ होने और 12 जून से वर्षा का क्षेत्र बढ़ने की संभावना है। माना जा रहा है कि 15 जून से प्रदेश में मानसून की गतिविधि तेज होगी और 15 जून के आसपास से व्यापक वर्षा संभावित है।
पिछली बार सुकमा इस बार दंतेवाड़ा
पिछली बार मानसून सुकमा में आकर अपनी सामान्य तारीख तक अटका हुआ था। इस बार यह दंतेवाड़ा तक पहुंचा और लंबे समय से रुका हुआ है। पिछली बार की तरह इस बार भी दक्षिण-पश्चिम मानसून 5 जून के बाद सक्रिय होकर तीन-चार दिनों में पूरे प्रदेश में सक्रिय हो जाएगा।