रायपुर : प्रकृति की गोद में बसा मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिला प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण है, पर इसके पहाड़ी एवं वनों से आच्छादित भूभाग से यहां पेयजल संकट कई बार गहरा जाता था। नवीन जिला बनने के बाद हर घर तक पेयजल पहुंचाने के लिए जिले में किए जा रहे कार्यों ने उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है। जल जीवन मिशन एवं अन्य परि योजनाओं के माध्यम से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर नल से शुद्ध पेयजल सुविधा पहुंचाने का कार्य तेजी से हुआ है। वर्ष 2022 में जिले में कुल 4747 हैंडपंप क्रियाशील थे, जो वर्ष 2025 में बढ़कर 4804 हो गए। इस अवधि में 57 नए हैंडपंप की स्थापना की गई और 240 नलकूपों का खनन आधार स्रोत के रूप में किया गया। हैंडपंप योजनाओं से लाभान्वित ग्रामों की संख्या भी 55 से बढ़कर 207 हो गई।
नल जल योजनाओं के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की गई, जहाँ वर्ष 2022 में 229 योजनाएं संचालित थीं, वहीं वर्ष 2025 तक इनकी संख्या बढ़कर 500 हो गई। इन योजनाओं से लाभान्वित परिवारों की संख्या अब 14 हजार बढ़कर 48 हजार तक पहुँच गई। जिससे जिले के हजारों परिवारों को अब घर-घर नल से स्वच्छ पेयजल मिल रहा है।
जिले के 126 ग्राम हर घर जल पहुंच रहा है एवं 114 ग्राम हर घर जल प्रमाणित हो चुके हैं। सोलर ड्यूल पंप योजना के अंतर्गत वर्ष 2022 में 262 पंप स्थापित थे, जो वर्ष 2025 में बढ़कर 470 हो गए हैं, जिससे विद्युत-विहीन ग्रामों को भी पेयजल सुविधा प्राप्त हुई है। वहीं एकल ग्राम जल योजना के अंतर्गत 370 योजनाएं स्वीकृत की गई, जिनमें से 158 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं तथा 21 हजार परिवारों को नल कनेक्शन दिए गए हैं।
इसी प्रकार समूह जल प्रदाय योजना के तहत वर्ष 2022-25 के दौरान 102 योजनाएं क्रियान्वित की गई और वर्ष 2025 तक इनकी संख्या 115 तक पहुंच गई। इन सभी योजनाओं के औसतन 73 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इस तरह मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में वर्ष 2025 तक लगभग 48 हजार 514 परिवारों को घर-घर नल से शुद्ध पेयजल सुविधा प्राप्त हो चुकी है, जो जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। हर घर जल के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।
