छतरपुर। छतरपुर जिला अस्पताल में इलाज न मिलने के कारण शुक्रवार-शनिवार की रात फिर एक आदिवासी युवक की तड़प-तड़पकर दर्दनाक मौत हो गई। गुस्साए स्वजनों ने सुबह डाकखाने चौराहे पर सड़क पर लेटकर जाम लगा दिया।
मृतक के स्वजनों ने इलाज के नाम पर रुपये मांगे जाने का आरोप लगाया है। स्वजन कहते रहे कि गरीबों की कोई सुनने वाला नहीं है। स्वजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात करीब रात 8 बजे देवगांव के पास रामघाट का मेला करके बाइक से वापस लौट रहे संजय दत्त आदिवासी की बाइक में एक चार पहिया वाहन ने टक्कर मार दी थी।
दोनों बच्चे और पत्नी भी घायल हो गए थे
जिससे संजय दत्त आदिवासी सहित उसके दोनों बच्चे और पत्नी घायल हो गए थे। घायलों को एंबुलेंस के माध्यम से रात 8:30 बजे जिला अस्पताल लाया गया जहां पर नाइट ड्यूटी में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था।
डॉक्टर के लिए भटकते रहे स्वजन
स्वजनों ने आरोप लगाए हैं कि जिला अस्पताल में डॉक्टर ना होने के कारण संजय दत्त आदिवासी की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि रात 8:30 बजे से वह जिला अस्पताल में डॉक्टर के लिए इधर से उधर भटकते रहे, लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी। रात 3:30 बजे घायल संजय दत्त आदिवासी की मौत हो गई।
पुलिस ने दी स्वजनों को समझाइश
सुबह गुस्साए परिजनों ने डाकखाने चौराहे पर जाम लगा दिया और डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की। जाम लगने के बाद छतरपुर एसडीएम अखिल राठौर, सिटी कोतवाली थाना प्रभारी अरविंद कुजूर, सिविल लाइन थाना प्रभारी वाल्मीक चौबे मौके पर पहुंचे और स्वजनों को समझाइश दी गई।