काजल किन्नर की मौत की गुत्थी सुलझी : गद्दी हथियाने के लिए दूसरी किन्नर ने दी थी 12 लाख में सुपारी 

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बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के एक पत्थर खदान में रायपुर के काजल किन्नर की लाश मिली थी। लाश के पास 500-500 रू. की तीन गड्डी में कुल डेढ़ लाख रुपये भी मिले थे। जिसके बाद पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था और मामले की जांच में जुट गई थी। जहां जांच में पता चला कि, काजल किन्नर की हत्या गद्दी हथियाने के इरादे से की गई है। जिसके लिए 12 लाख रुपये में उसकी सुपारी दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से कैश, कार और घटना में प्रयुक्त चाकू जब्त कर लिया गया है।

यह है हत्या की मुख्य वजह 

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, सभी किन्नर जोरा रायपुर में सभी एक साथ रहते हैं। जिसमें आरोपी तपस्या किन्नर, मुंबई महाराष्ट्र से आकर रह रही है और मृतका काजल लोकल रायपुर की थी। हत्या की मुख्य वजह है कि, आरोपी तपस्या किन्नर मठ की प्रमुख बनना चाहती थी। इसके लिए उसके रास्ते की सबसे बडी चुनौती काजल थी। इसलिए काजल को रास्ते से हटाने के लिए उसके द्वारा पूरी प्लानिंग की। मठ प्रमुख बनने की चाहत में आरोपी तपस्या द्वारा निशा श्रीवास के सांथ मिलकर काजल को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।

दो दिन पहले किया था खदान का निरीक्षण 

सितंबर महीने में गणेश उत्सव के दौरान काजल की हत्त्या करने की नीयत से तपस्या किन्नर ने कुल 12 लाख रूपये इकट्ठा कर निशा श्रीवास को दिया। निशा श्रीवास ने यह पैसे अपने ड्राइवर हिमांशु बंजारे को दिया और उसने 6 लाख रुपए नगद एक सुपारी किलर को दिया. लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि, वह सुपारी किलर किसी अन्य मामले में जेल चला गया है। इसी बीच काजल की हत्या करने के लिए दो अन्य सुपारी किलर अंकुश और कुलदीप से सौदा किया । इसी बीच घटना के 2 दिन पूर्व आरोपिया निशा श्रीवास अपने ड्राइवर हिमांशु बंजारे के साथ घटनास्थल ग्राम ढाबाडीह के पास पत्थर खदान को देखने भी आई थी।

यह है हत्या की मुख्य वजह 

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, सभी किन्नर जोरा रायपुर में सभी एक साथ रहते हैं। जिसमें आरोपी तपस्या किन्नर, मुंबई महाराष्ट्र से आकर रह रही है और मृतका काजल लोकल रायपुर की थी। हत्या की मुख्य वजह है कि, आरोपी तपस्या किन्नर मठ की प्रमुख बनना चाहती थी। इसके लिए उसके रास्ते की सबसे बडी चुनौती काजल थी। इसलिए काजल को रास्ते से हटाने के लिए उसके द्वारा पूरी प्लानिंग की। मठ प्रमुख बनने की चाहत में आरोपी तपस्या द्वारा निशा श्रीवास के सांथ मिलकर काजल को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।

दो दिन पहले किया था खदान का निरीक्षण 

सितंबर महीने में गणेश उत्सव के दौरान काजल की हत्त्या करने की नीयत से तपस्या किन्नर ने कुल 12 लाख रूपये इकट्ठा कर निशा श्रीवास को दिया। निशा श्रीवास ने यह पैसे अपने ड्राइवर हिमांशु बंजारे को दिया और उसने 6 लाख रुपए नगद एक सुपारी किलर को दिया. लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि, वह सुपारी किलर किसी अन्य मामले में जेल चला गया है। इसी बीच काजल की हत्या करने के लिए दो अन्य सुपारी किलर अंकुश और कुलदीप से सौदा किया । इसी बीच घटना के 2 दिन पूर्व आरोपिया निशा श्रीवास अपने ड्राइवर हिमांशु बंजारे के साथ घटनास्थल ग्राम ढाबाडीह के पास पत्थर खदान को देखने भी आई थी।

झूठ बोलकर ले गई साथ, वहीं करवा दी हत्या 

योजना अनुसार 17 नवंबर को शाम 5 बजे निशा श्रीवास ने काजल से कहा कि, चलो मुझे मेरे किसी पहचान वाले से 3 लाख रू. लेना है. जिसमें से बंटवारा में डेढ़ लाख रुपये तुम रख लेना यह बहाना कर काजल को अपनी आर्टिका कार से बलौदाबाजार की ओर ले गई। उसके पीछे- पीछे सुपारी किलर अंकुश एवं कुलदीप मोटरसाइकिल से आ रहे थे। फिर आर्टिगा कार को ग्राम अमेरा के पास रोककर पीछे से आ रहे कुलदीप एवं अंकुश से पैसे लेने की एक्टिंग करते हुए 3 लाख लिया। जिसमें से डेढ़ लाख रुपये काजल ने अपने पास रख लिया। इसके बाद अर्टिगा कार में बैठे हुए सभी लोग (ड्राइवर हिमांशु, मृतिका काजल एवं आरोपी निशा किन्नर), घटनास्थल पहुंचे, इस समय अंधेरा हो चुका था। इसके पीछे सुपारी किलर अंकुश और कुलदीपक बाईक से घटनास्थल पहुंच गए। फिर निशा श्रीवास एवं हिमांशु, काजल को छोड़कर कार सहित वहां से भाग गए। तब सुपारी किलर अंकुश एवं कुलदीप द्वारा काजल को धारदार चाकू से मार कर उसका शव पत्थर खदान में फेंक दिया गया।

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