रायपुर : बिहान योजना के तहत श्रीमती बेबी गुप्ता महिलाओं को स्व-सहायता समूह के रूप में संगठित कर उन्हें प्रशिक्षण, संसाधन और अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट (बीसी) मॉडल के अंतर्गत बीसी सखी के रूप में स्व-सहायता समूह की महिलाएं बैंकिंग सेवाएं गांव-गांव तक पहुंचा रही हैं। इससे न केवल ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधाएं घर के पास मिल रही हैं, बल्कि महिलाओं को आय का स्थायी स्रोत भी प्राप्त हो रहा है।
बेबी गुप्ता प्रति माह लगभग 28 लाख से 35 लाख रुपये तक का बैंकिंग ट्रांजेक्शन करती हैं। इस कार्य के एवज में उन्हें 8000 से 11000 रुपये तक की मासिक आय कमीशन के रूप में प्राप्त होती है। यह न केवल उनके आर्थिक सशक्तिकरण का प्रमाण है, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए एक प्रेरणा भी है।
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन “बिहान” के माध्यम से आज ग्रामीण महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि समाज की प्रेरणास्रोत रही हैं। ऐसी ही एक प्रेरक कहानी है जशपुर जिले के विकासखंड मनोरा अंतर्गत ग्राम पंचायत सोनक्यारी की रहने वाली श्रीमती बेबी गुप्ता की, जिन्होंने स्व-सहायता समूह से जुड़कर बीसी सखी के रूप में अपने जीवन को एक नई दिशा दी है।
बेबी गुप्ता वर्ष 2020-21 में आदर्श स्व-सहायता समूह की सदस्य बनीं और फिर “बीसी सखी” के रूप में कार्य शुरू किया। शुरुआत में उन्हें बैंकिंग ट्रांजेक्शन संबंधी कार्यों में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन हौसले और मेहनत से उन्होंने इन चुनौतियों को पार करते हुए खुद को स्थापित किया। आज वह विकासखंड स्तर पर टॉप परफॉर्मर बीसी सखी के रूप में जानी जाती हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप राज्य में महिला सशक्तिकरण के लिए पंचायतों और एनआरएलएम की टीम लगातार कार्य कर रही है। बेबी गुप्ता जैसी महिलाएं इस अभियान की जीती-जागती मिसाल हैं, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दे रही हैं।