नक्सलियों ने आरक्षक के पिता को मारी गोली फिर धारदार हथियार से भी किया वार

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नक्सलियों ने रविंद्र साय कटेगा की हत्या के बाद उसकी बाइक को लगाई आग

रायपुर| मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में शुक्रवार को नक्सलियों ने आरक्षक के पिता रविंद्र साय कटेगा (55 वर्ष) को गोली मार दी। इसके बाद नक्सलियों ने रविंद्र साय पर कुल्हाड़ी से भी वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया। मृतक के शव पर धारदार हथियार से गोदे जाने के निशान मिले हैं। घटना कोहका थाना क्षेत्र के संबलपुर गांव की है।

नक्सलियों ने संबलपुर गांव से लगे जंगल में घटना को अंजाम दिया है। वारदात के बाद शनिवार सुबह मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले की डीआरजी फोर्स संबलपुर के जंगल में पहुंची। यहां से टीम ने रविंद्र साय कटेगा का शव बरामद किया। इसके शरीर पर गोली मारने के साथ ही धारदार हथियार से गोदे जाने का निशान था। डीआरजी फोर्स ने पूरे इलाके की सर्चिंग भी की, ताकि अगर नक्सलियों ने कोई एंबुश लगाया हो, तो उसे भी नाकाम किया जा सके। नक्सलियों ने रविंद्र साय कटेगा की हत्या के बाद उसकी बाइक को भी जला दिया है। जिले की कोहका और डीआरजी की टीम आरक्षक के पिता रविंद्र साय के शव को लेकर मानपुर वापस लौट गई है। मृतक का बेटा मानपुर में ही आरक्षक के पद पर तैनात है। इधर नक्सली आरक्षक के पिता की हत्या कर वहां से फरार हो गए। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

एडिशनल एसपी मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी पुपलेश कुमार पात्रे ने बताया कि शुक्रवार दोपहर 3 से 4 बजे के बीच नक्सलियों ने हत्याकांड को अंजाम दिया है। फिलहाल जांच की जा रही है और मुखबिरों को फैला दिया गया है। रविंद्र साय कटेगा मानपुर में नक्सल पीड़ित के तौर पर 2009 से रह रहा था। 2009-10 में उसने गोपनीय सैनिक के रूप में भी काम किया था। नक्सलियों ने मानपुर विकासखंड के डब्बा से लेकर संबलपुर तक 25 लोगों को मारने का फरमान जारी किया हुआ है। डीएसपी नक्सल ऑपरेशन राजनांदगांव अजीत कुमार ओग्रे ने बताया कि शनिवार सुबह कुछ ग्रामीणों ने जंगल में रविंद्र साय की लाश देखी और पुलिस को सूचना दी थी, जिसके बाद हमने वहां मौके पर पहुंचकर सर्च ऑपरेशन चलाया। उन्होंने कहा कि यहां पर मृतक का खेत है, जहां वो आया हुआ था। खेत से लगे जंगल में ही नक्सलियों ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि चूंकि मृतक का बेटा आरक्षक है, इसलिए नक्सलियों को उनकी मुखबिरी का शक था।

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