खैरागढ़ : छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले में ‘टोनही’ कहने पर रंजिश के चलते एक महिला की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में आरोपी पड़ोसी लगातार कहानी रचकर पुलिस को गुमराह कर रहे थे. अब पुलिस ने इस अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इस गुत्थी को साइबर पुलिस की मदद से सुलझाया गया है.
घटना खैरागढ़ जिला के ग्राम खैरबना की है. यहां मोहनी साहू की हत्या कर दी गई थी. खैरागढ़ जिला पुलिस अधीक्षक लक्ष्य शर्मा ने इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि मोहिनी साहू ने अपने पड़ोस में रहने वाली सविता साहू को ‘टोनही’ कहकर बदनाम करने की कोशिश की थी. अपने अपमान से नाराज सविता साहू, उसकी बेटी और भतीजा लंबे समय से मोहिनी के मर्डर की प्लानिंग कर रहे थे. आखिरकार 26 जून को मौका मिलते ही दोपहर करीब 2 बजे जब मोहिनी घर में अकेली थी, तीनों छत के रास्ते घर में घुस गए. सविता और उसकी बेटी ने मोहिनी का गला गाय बांधने की रस्सी से घोंट दिया, जबकि दीपेश ने पीछे से धारदार हंसिया से गले और चेहरे पर ताबड़तोड़ वार कर दिए.
पुलिस को गुमराह करने रची साजिश
तीनों हत्या के बाद तीनों घर लौटे और खून से सने कपड़े और शरीर धोकर सबूत मिटाए. इसके बाद गांव में यह कहानी फैलाई कि घटना के वक्त वह खेत में थे. सविता की बेटी ने पुलिस के सामने भी आंसू बहाते हुए ‘खेत में होने’ की कहानी दोहराई ताकि शक की सुई हट जाए. शुरुआती जांच में पुलिस भी उलझ गई, मगर साइबर सेल ने मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल्स खंगालीं, जिससे पूरा झूठ सामने आ गया. अलग-अलग पूछताछ में बयान टूटे और आखिरकार तीनों ने हत्या की बात कबूल कर ली.
पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हंसिया और गेरुआ रस्सी जब्त कर ली है. आरोपी सविता साहू (39), जसिका साहू (19) और दीपेश साहू (24) को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है. खैरागढ़ पुलिस का कहना है कि अंधविश्वास और टोनही कहने की कुरीतियों में फंसकर लोग ऐसे जुर्म कर रहे हैं, जिसकी कीमत उन्हें जेल में काटनी पड़ रही है.