ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस ने राजस्थान से किया गिरफ्तार

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रायपुर| बिलासपुर में पुलिस ने चीन के हांगकांग से ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। दरअसल, ठग गिरोह ने एक टीचर को कम समय में अधिक पैसे कमाने का झांसा दिया। उनसे ऐप डाउनलोड कराकर अकाउंट खुलवाया और उसमें पैसे जमा करने पर कमीशन का लालच दिया। प्रलोभन में आकर टीचर ने अपने बैंक अकाउंट से किश्तों में 21 लाख 53 हजार रुपए जमा किया, तब उन्हें दो करोड़ रुपए कमीशन मिलने की जानकारी दी। लेकिन, जब टीचर ने 2 करोड़ रुपए निकालने की बात कही, तब उनसे 10 लाख रुपए की मांग की गई। वहीं, उनके 21 लाख 53 हजार रुपए को भी ठगों ने पार कर दिया। ठगी के इस मामले का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। गिरोह के दो सदस्य दिल्ली से फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

एसएसपी पारुल माथुर ने बताया कि इस गिरोह के सदस्यों से एक लाख 97 हजार रुपए, आधा दर्जन एटीएम कार्ड, पेटीएम कार्ड, चेकबुक, लैपटॉप, मोबाइल जब्त किया गया है। उन्होंने बताया कि सांई धाम कॉलोनी निवासी अमलेश लहरी (55) सेंट्रल स्कूल में टीचर हैं। उनके मोबाइल पर टेलीग्राम पर एक मेसेज आया, जिसमें उन्हें घर बैठे पैसे इन्वेस्ट कर ऑनलाइन लाखों रुपए कमाई करने का झांसा दिया गया। मैसेज देखकर उन्होंने इसकी जानकारी ली, तब उन्हें एसईएमई मॉल कंपनी में पैसे लगाने और बोनस मिलने का झांस दिया और मेंटोरा रामा एप का लिंक भेज कर डाउनलोड करने को कहा। इसमें उन्हें अकाउंट बनाने के लिए कहा गया। ठगों ने बोला कि वो जितना पैसा अपने अकाउंट में जमा करेगा, उसके हिसाब से उन्हें बोनस के साथ कमीशन मिलेगा। लालच में आकर टीचर ने ठगों के कहने पर ऐप डाउनलोड किया और अकाउंट बनाकर अपने बैंक खाते से किश्तों में 21 हजार 53 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिया। तब उन्हें दो करोड़ रुपए से अधिक का फायदा होने की जानकारी दी गई।

जब टीचर का बैंक अकाउंट खाली हो गया, तब उन्होंने अपने दो करोड़ रुपए ऐप के अकाउंट से निकालने की जानकारी ली। इस पर ठगों ने उन्हें दो करोड़ रुपए देने के लिए टैक्स व सर्विस शुल्क के रूप में 10 लाख रुपए जमा करने कहा। इसके बाद टीचर ने अपने कंपनी में पैसे फंसे होने और उसे वापस कराने के लिए पुलिस से मदद मांगी। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके पास कंपनी में जमा करने के लिए दस लाख रुपए नहीं है। पैसा होता तो उन्हें रकम मिल जाता। उनकी बातों को सुनकर पुलिस ने उनके साथ ठगी होने की जानकारी दी। साथ ही केस दर्ज कर ठगों की तलाश शुरू कर दी।

5 दिन लगाया कैम्प, तब पकड़ा गया गिरोह :- एसीसीयु प्रभारी हरविन्दर सिंह ने बताया कि मामला सामने आने के बाद तोरवा के तत्कालीन थाना प्रभारी फैजूल शाह के साथ टीम बनाकर जांच शुरू की। इस दौरान ठगी की रकम जिन खातों में गई थी, उनकी जानकारी जुटाई गई। तब उनके राजस्थान में होने की जानकारी मिली। तकनीकी जानकारी जुटाने के बाद दस सदस्यीय टीम तैयार कर राजस्थान भेजा गया, जहां टीम ने 5 दिन तक कैंप किया और फील्ड वर्क के आधार पर 4 स्लीपर सेल को पकड़ा। पकड़े गए आरोपियों में राजस्थान के पाली थाना क्षेत्र के राहुल सुथार (19) पिता दिनेश सुथार, राजस्थान के भिनय के राजकुमार उर्फ राजू सिंधी (38) पिता कन्हैयालाल सिंधी, राजस्थान के भिनय निवासी हेमराज बैरवा (25) पिता राजकुमार बैरवा और राजस्थान के लंबारे निवासी दीपेश वैष्णव उर्फ दीपू (19) पिता गोविंदादास शामिल हैं।

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