मातृत्व को संबल देती प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना : प्रदेशभर की गर्भवती माताओं के लिए संबल और वरदान हो रही है साबित

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रायपुर : मां बनना हर स्त्री के जीवन का सबसे बड़ा सुख है, लेकिन इस सुख के साथ अनेक जिम्मेदारियाँ और चुनौतियाँ भी जुड़ी होती हैं। गर्भावस्था के दौरान शारीरिक कमजोरी, घरेलू कार्यों का दबाव और आर्थिक तंगी अक्सर माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य पर असर डालते हैं। इन्हीं कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत की, जो आज प्रदेशभर की गर्भवती माताओं के लिए संबल और वरदान साबित हो रही है।

महासमुंद जिले की हितग्राही महिलाएँ श्रीमती अंशुनी साय, श्रीमती रेखा देवांगन, श्रीमती राजकुमारी निषाद और श्रीमती तबस्सुम खातून का कहना है कि इस योजना से उन्हें न केवल आर्थिक सहयोग मिला, बल्कि अपने और शिशु के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की हिम्मत और अवसर भी मिला। योजना की राशि से उन्होंने पौष्टिक आहार लिया और आज मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। यही अनुभव वे अन्य गर्भवती महिलाओं के साथ साझा कर उन्हें भी योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री टीकवेंद्र जटवार ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य गर्भवती माताओं को पर्याप्त विश्राम और पोषण सुनिश्चित करना है, ताकि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहें और आने वाली पीढ़ी मजबूत हो।

इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत  विगत तीन वर्षों में महासमुंद जिले की 19,036 गर्भवती माताओं को 6 करोड़ 32 लाख 84 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई है। योजना के अंतर्गत पंजीकरण के बाद गर्भावस्था के सातवें माह में 3,000 रुपये तथा प्रसव के साढ़े तीन माह बाद बच्चे को टीका लगने पर 2,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं। वहीं, दूसरी डिलीवरी में यदि बालिका जन्म लेती है तो माताओं को 6,000 रुपये की विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जो बेटियों के जन्म को सम्मान और सुरक्षा प्रदान करती है।

यह योजना केवल आर्थिक सहयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि मातृत्व का सम्मान भी है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ने वास्तव में माताओं के जीवन में उम्मीद, पोषण और सुरक्षा का उजियारा भरा है और प्रदेशभर में स्वस्थ एवं सशक्त समाज की नींव मजबूत की है।

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