रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को सप्ताह में अब 2 दिनों की छुट्टी के दिन लदने वाले हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पांच दिवसीय कार्य प्रणाली पर विचार कर निर्णय लेने के संकेत दिए हैं। ऐसे में सरकारी कर्मचारियों को सप्ताह में सिर्फ एक छुट्टी मिलेगी, शेष 6 दिन कार्यालय जाना होगा। कार्यालय में पांच दिवसीय कार्य प्रणाली पूर्व सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान 26 जनवरी 2022 से लागू की गई थी। केंद्र सरकार की पांच दिवसीय कार्य प्रणाली के तहत छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को यह सुविधा दी गई थी, लेकिन बीजेपी सरकार इसे खत्म करने पर विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ के दफ्तरों में सप्ताह में 5 दिनों के कार्यकाल को लेकर कहा, आने वाले दिनों में इस पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा, इस बात पर आप लोगों ने भी चिंता जताई है, इसके लिए उन्होंने मीडिया को धन्यवाद दिया और कहा, कुछ अधिकारी और कर्मचारी भी मुझे बोल रहे हैं। कि 5 दिनों के काम करने में मजा नहीं आ रहा है। 2 दिन छुट्टी में समय काटना मुश्किल हो रहा है। मीडिया ने भी हमें ताकत दी है, इस पर विचार किया जाएगा।
लेट लतीफी पर अफसरों को सीएम ने चेतावनी दी थी उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी कर्मचारियों और अधिकारियों के दफ्तर लेट से आने को लेकर चेता चुके हैं। मंत्रालय में समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने अफसरों से कहा था, पांच दिन ही काम करने होते हैं, उसमें लेटलतीफी आना शोभा नहीं देता है। इसी तरह से कामकाज का ढर्रा रहा तो सख्त निर्णय लेने पड़ सकते हैं, सचेत हो जाइए।
जीएसडी ने सरकार को दी रिपोर्ट
शासकीय कार्यालयों में पांच दिन के कामकाज को लेकर जीएडी ने भी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। रिपोर्ट में शासकीय कार्य के लंबित होने और कर्मचारियों के समय पर न आने की बात कही गई है। गृह विभाग के निर्णय के बाद इसे सभी विभागों में 6 दिन के कार्य प्रणाली को पुनः शुरू करने की सिफारिश की है।
गृह विभाग ने खत्म की छुट्टी
छत्तीसगढ़ के गृह विभाग ने अपने अफसर और कर्मियों के लिए पांच दिन के वर्किंग प्रणाली को खत्म करने के आदेश जारी किए हैं। गृह विभाग ने स्पष्ट किया कि पांच दिन के काम की वजह से कई कार्य लंबित रहते हैं।
कर्मचारी संगठन कर रहे विरोध
सरकारी कामकाज में पांच दिन के कार्य प्रणाली को बदलने की सुगबुगाहट के बीच कर्मचारी संगठन ने शनिवार की छुट्टी खत्म किए जाने को लेकर विरोध दर्ज किया है। कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि यह कहना गलत है कि पांच दिवसीय कार्य प्रणाली से कार्य प्रभावित हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान में राज्य के विभिन्न कैडरों में केवल 60 प्रतिशत पद ही भरे हुए हैं, और यही कर्मचारी शासकीय योजनाओं का 100 प्रतिशत कार्यभार वहन कर रहे हैं।