एनकाउंटर स्पेशलिस्ट डीआईजी कमलोचन को राष्ट्रपति विशिष्ट सेवा पदक, 200 से अधिक आपरेशन, 50 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया

Featured Latest आसपास छत्तीसगढ़ प्रदेश

जगदलपुर : बस्तर के लोहंडीगुड़ा क्षेत्र के छोटे से गांव कोठियागुड़ा में किसान परिवार में जन्म लेने के बाद 1994 में मध्यप्रदेश राज्य पुलिस सेवा में डीएसपी पद पर भर्ती होकर डीआइजी बनने तक के सफर में, सेवा अवधि के 29 में से करीब 15 वर्ष नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बिताने वाले दंतेवाड़ा के डीआइजी कमलोचन कश्यप नक्सलियों के लिए किसी काल से कम नहीं रहे हैं। सेवा अवधि में 200 से अधिक नक्सल विरोधी अभियान का उन्होंने नेतृत्व किया, जिसमें उन्हें 50 से अधिक नक्सलियों को मार गिराने में सफलता मिली है। यही कारण है कि उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भी कहा जाता है। मजबूत सूचना तंत्र उनकी ताकत रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में असाधारण सेवा के लिए अब स्वतंत्रता दिवस पर मंगलवार को उन्हें राष्ट्रपति विशिष्ट सेवा पदक देने की घोषणा की गई है। इससे पहले उन्हें 2021 व 2022 में गैलेंट्री अवार्ड भी मिल चुका है।

कमलोचन कश्यप ने नईदुनिया से विशेष चर्चा में बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में काम करते हुए लंबा वक्त उन्होंने बिताया है। कई बड़े नक्सल आपरेशन का नेतृत्व उन्होंने किया। इस अवधि में कभी भी फर्जी मुठभेड़ में किसी नक्सली को मारने का दाग उन पर नहीं लगा है। नक्सलियों के दर्जनों कैंप ध्वस्त किए और करीब 200 से अधिक नक्सलियों का आत्मसमर्पण उनके कार्यकाल में हुआ। इस दौरान नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा, बीजापुर, राजनांदगांव, गरियाबंद के पुलिस अधीक्षक के तौर पर सेवा करने अवसर मिला। 2016 में दंतेवाड़ा व सुकमा जिले के सीमा क्षेत्र में बुरगुम में छह नक्सलियों को ढेर करने के लिए 2021 गैलेंट्री अवार्ड भी मिल चुका है।

बुरगुम में नक्सलियों से मुठभेड़ सबसे चुनौतीपूर्ण- कमलोचन

वहीं 2018 में बीजापुर-दंतेवाड़ा जिले के सीमा क्षेत्र में तिमेनार में आठ नक्सलियों को मार गिराने में मिली सफलता के लिए 2022 में गैलेंट्री अवार्ड भी मिला। इसके बाद भी कमलोचन 2017 में बुरगुम में नक्सलियों से मुठभेड़ को सबसे चुनौतीपूर्ण मानते हैं। वे बताते हैं कि सुरक्षा बल के जवानों से बुरगुम की पहाड़ी के नीचे मुठभेड़ हुआ। इसके बाद नक्सली वहां से भागकर पहाड़ी के ऊपर चले गए। जवानों ने पीछा कर नक्सलियों को निशाना बनाया। तब तक मौके पर सुरक्षा बल की बैकअप पार्टी को भी भेज दिया गया था। एंबुलेंस व डाक्टरों की टीम भी बुरगम में पहुंच गई और घायल जवानों को तुरंत वहां से रेस्क्यू कर निकाला जाता रहा। इस मुठभेड़ में पांच नक्सलियों को ढेर किया गया था।

लोगों को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *