युक्तियुक्तकरण से पोड़ी खुर्द के प्राथमिक शालाओं को मिले शिक्षक, ग्रामीण बोले, “शासन की पहल से शिक्षा की गुणवत्ता में होगा सुधारक”

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रायपुर : राज्य शासन द्वारा प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ एवं समतुल्य बनाने के उद्देश्य से संचालित शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का प्रभाव अब जमीनी स्तर पर दिखाई दे रहा है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत ग्राम पंचायत पोड़ी खुर्द की प्राथमिक शाला पोड़ी खुर्द और हरापारा में नवीन शिक्षक पदस्थ किए गए हैं, जिससे एकल शिक्षक व्यवस्था से जूझ रहे इन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी अब दूर हो गई है।

पोड़ी खुर्द के रहने वाले ग्रामीण श्री शोहन ने बताया कि पहले दोनों प्राथमिक शालाएं केवल एक-एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रही थीं, जिससे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई प्रभावित हो रही थी। अब शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत शिक्षकों की पदस्थापना से विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगी। उन्होंने शासन की इस पहल की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार प्रकट किया।

प्राथमिक शाला हरापारा में नवपदस्थ  प्रधान पाठक श्रीमती सीमा सिंह ने बताया कि वे पूर्व में किशुननगर प्राथमिक शाला में पदस्थ थीं, अतिशेष शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में उन्हें स्वेच्छा से विद्यालय चयन का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि पहले हरापारा स्कूल में एक ही शिक्षिका कार्यरत थी, जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा नहीं मिल पा रही थी, लेकिन अब दो शिक्षकों की उपस्थिति से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।

उन्होंने शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में हुई पारदर्शिता के लिए शासन का आभार व्यक्त किया। वहीं प्राथमिक शाला पोड़ी खुर्द में पदस्थ की गई सहायक शिक्षिका श्रीमती इमिला कुजूर ने बताया कि वे पहले जोगीबांध प्राथमिक शाला में पदस्थ थीं और अतिशेष शिक्षकों की सूची में आने के बाद उन्हें युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में भाग लिया जहां उन्हें शाला चयन का अवसर मिला। उन्होंने अपने पसंद के अनुसार पोड़ी खुर्द विद्यालय का चयन किया। इमिला कुजूर ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई। उन्होंने अपनी नवीन पदस्थापना पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शासन का धन्यवाद किया।

शासन की इस पहल से ग्रामीण अंचलों में शिक्षकों की उचित उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है, जिससे शिक्षा का स्तर सुधरेगा और बच्चों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण प्राप्त होगा। शिक्षक युक्तियुक्तकरण की यह पहल न केवल शिक्षा के अधिकार को सशक्त बना रही है, बल्कि प्रदेश के दूरस्थ अंचलों में भी शिक्षकों की उपलब्धता भी सुनिश्चित कर रही है।

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