प्रधानमंत्री आवास : “छितका कुरिया हा, अब मोर छत वाले महल बन गे”: केशरी बाई, हितग्राही

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प्रधानमंत्री आवास योजना ने बदली, आमदनी निवासी केशरी बाई की जिंदगी*

प्रधानमंत्री आवास मिलने से पहले हितग्राही, अपने पति, एक नाबालिक लड़का व एक परित्यक्ता बेटी सब साथ एक ही कमरे में रहते थे

आवास निर्माण के पहले मेरे पति पन्ना लाल टंडन की मृत्यु हो गई। मेरी सारी शक्ति जवाब दे रही थी और हिम्मत नही हो रही थी,ऐसे में प्रधानमंत्री मंत्री आवास योजना ही मेरे परिवार का एकमात्र सहारा बना

प्रधानमंत्री आवास का पैसा मुझे किश्तों में मिलता रहा और देखते ही देखते मेरा सुंदर घर बन गया, मुझे उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन भी मिला है

खैरागढ़ : हितग्राही केशरी बाई टंडन, निवासी आमदनी, वि. ख. खैरागढ़ जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई (छ. ग.) उम्र लगभग 62 वर्ष। शरीर में इतनी शक्ति नही रही कि जीविकोपार्जन के लिए जद्दोजहद करें या मकान बनाने के लिए पैसा इकट्ठा करें। वो बताती है कि – “मैं, मेरे पति, एक नाबालिक लड़का व परित्यक्ता बेटी के साथ एक कमरे में रहते थे। एक ही कमरे में चारों सदस्य नरकीय जीवन जीते थे।”

उक्त जानकारी देते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत खैरागढ़ ने बताया कि- केशरी टंडन ने कहा कि – “साहब! क्या बताएं….जुग जुग जीये हमारा सरकार जिनकी असीम अनुकम्पा से हमारा प्रधानमंत्री आवास निर्माण योजना के अंतर्गत हमारे सिर पर एक छत बन गया।” उक्त उद्गार खैरागढ़ ब्लॉक के ग्राम आमदनी में रहने वाली केशरी बाई टंडन का। केशरी बाई जब आप बीती बता रही थी तो उनकी आंखों से आंसू थम नही रहे थे। उसने आगे बताई कि जब आवास निर्माण का कार्य लेंटर तक पहुंचा था, उसी समय पति पन्ना लाल टंडन की मृत्यु हो गई।

उसने कहा कि -“मेरी सारी शक्ति जवाब दे रही थी, आवास को आगे बनाने की हिम्मत नही हो रही थी, लेकिन प्रधानमंत्री आवास का पैसा मुझे किश्तों में मिलता रहा और देखते ही देखते मेरा सुंदर घर बन गया। मुझे उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन भी मिला है, जिसका नियमित उपयोग खाना बनाने में करती हूं। सच कहूं तो इस पूरे योजना ने मेरी जिंदगी बदल कर रख दी।”

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