रायपुर : डीएमऍफ़ घोटाले मामले में सौम्या चौरसिया, रानू साहू और सूर्यकांत तिवारी को रायपुर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों को 6 मार्च तक एसीबी/ईओडब्लू की रिमांड पर भेज दिया.
बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी का कहना है कि एसीबी/ईओडब्लू ये सिर्फ परेशान करने के लिए कर रही। वही एसीबी/ईओडब्लू के वकील सौरभ पांडे का कहना है कि डीएमऍफ़ घोटाले मामले में अभी तक की इन्वेस्टिगेशन में सौम्या चौरसिया, रानू साहू और सूर्यकांत तिवारी का नाम भी आया जिसके लिए एसीबी/ईओडब्लू ने पिछले सप्ताफ जेल जाकर पूछताछ भी की जिसमें संतुष्टिपूर्ण जवाब न मिलने के कारण प्रोडक्शन वारंट के लिए शनिवार को याचिका लगाई थी.
जानिए क्या है डीएमऍफ़ घोटाला?
राज्य सरकार की ओर से जारी की गई जानकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्लू ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है. केस में ये तथ्य सामने आए हैं कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितता पाई गई। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया.
वहीं जांच में पता चला कि टेंडर की राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में दिया गया है. प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20% अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने लिया है. ईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि आईएएस अफसर रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया.