छत्तीसगढ़ में दुर्लभ ब्रह्मकमल : हरेली की रात बालोद में खिला दुर्लभ ब्रह्मकमल,  दर्शन करने उमड़ी श्रधालुओ की भीड़ 

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बालोद: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में हरेली त्योहार की रात एक अद्भूत नजारा देखने को मिला। यहां के पंडरदल्ली स्थित शीतल मनमोड़े के घर रात लगभग दस बजे ब्रह्म कमल खिला है। यह धार्मिक महत्व का दुर्लभ फूल है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह साल में केवल एक बार ही कुछ घंटों के लिए खिलता है।

देखने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, पूजा पाठ भी जारी

शीतल मनमोड़े के निवास स्थान में ब्रह्मा कमल पुष्प देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। साथ ही इस पुष्प का धार्मिक अध्यात्म से जुड़े होने के कारण लोग पूजा पाठ करने में भी लगे हैं। बताया जा रहा है कि यह फूल रात के लगभग 10:00 बजे खिला है। जिसके बाद से ही ब्रह्मा कमल पुष्प को देखने और उसकी पूजा अर्चना के लिए लगातार उनके घर के सामने भीड़ बढ़ती जा रही हैं।

ब्रह्मा कमल पुष्प से जुड़ी धर्मिक मान्यता व औषधीय गुण

उल्लेखनीय है कि, ब्रह्मकमल के फूल का हिंदू धर्म में आध्यात्मिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि, इस फूल में इच्छाओं को पूरा करने की शक्ति होती है यह धार्मिक महत्व का दुर्लभ फूल है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह साल में केवल एक बार ही कुछ घंटों के लिए खिलता है और जो इसे देवता को चढ़ाते हैं उन्हें उनका आशीर्वाद मिलता हैं। इसे पवित्रता, ज्ञान व आध्यात्मिक प्राप्ति का प्रतीक भी माना जाता है।

औषधीय गुणों से भरपूर

कृषि विज्ञान केंद्र बालोद के पौध रोग विशेषज्ञ ने बताया कि ब्रह्म कमल फूल भारत में हिमालय,उत्तराखंड, सिक्किम, कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश में पाया जाता है। यह बहुत दुर्लभ है। जो औषधीय गुण से भरपूर होता है। इनकी धार्मिक मान्यता भी है। ब्रह्म कमल एक अद्भुत ही फूल है। यह वर्ष में एक बार ही खिलते हैं, वह भी 4 या 5 घंटे के लिए। अधिकतर यह हिमालय क्षेत्र में ही पाया जाता है।

ऐसा अद्भुत नजारा कभी कभार ही दिखाई देता है

इस पुष्प को लेकर कुछ लोगो का कहना है कि यह ब्रह्म कमल फूल हिमालय में ही पाया जाता है,पर किसी-किसी स्थान पर ऐसा नजारा कभी कभार ही दिखता है। दल्लीराजहरा में यह फूल खिलना अपने आप में ही बड़ी बात है।

खिलता हुआ देख लिया तो बदल सकती है किस्मत

हिंदू धर्म में मान्यताओं के अनुसार कमल का फूल बेहद शुभ और बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु के अलावा कमल का फूल और भी कई देवी-देवताओं पर अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि कमल का फूल भगवान को अर्पित करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. पुराणों के अनुसार कमल के चार प्रकार के फूल बताए गए हैं. नीलकमल, ब्रह्म कमल, फेन कमल और कस्तूरबा कमल, इसके अलावा कमल के फूल भारत वर्ष के लगभग सभी क्षेत्रों में पाए जाते हैं. कमल का फूल तालाबों में उगता है लेकिन हिंदू पुराणों में वर्णित ये कमल के फूल सिर्फ हिमालय के क्षेत्रों में पाए जाते हैं.

ब्रह्म कमल को भगवान शिव पर चढ़ाने से होते हैं प्रसन्न

वहीं ब्रह्म कमल को लेकर ज्योतिषी भी इसको बहुत ही महत्वपूर्ण मानते हैं। हिंदू पुराणों के अनुसार ब्रह्म कमल एक बहुत ही दुर्लभ फूल है. ऐसा माना जाता है कि यदि ब्रह्म कमल भगवान शिव पर चढ़ाया जाए तो इससे वे तुरंत प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा यदि फूल घर में भी लगाएं तो इससे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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