गरियाबंद में हुए मेगा हेल्थ कैंप में दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी एक्टोडर्मल डिस्प्लेशिया की हुई पहचान

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ग्राम कूटेना के बालक पूर्वेश यादव में दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी एक्टोडर्मल डिस्प्लेशिया की हुई पहचान

रायपुर : प्रदेश के विभिन्न जिलों में राज्य शासन द्वारा स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे है, जहां मरीजों की विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। इस कड़ी में जिला प्रशासन द्वारा गरियाबंद में विशेष मेगा हेल्थ शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में डॉ. भट्टर एवं टीम द्वारा कुपोषित बच्चों की जांच एवं ईलाज की गई। इसी दौरान ग्राम कुटेना निवासी मनोज यादव के पुत्र बालक पूर्वेश यादव के स्वास्थ्य जांच के दौरान एक दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी एक्टोडर्मल डिस्प्लेशिया का पता चला।

बच्चे में दुर्लभ बीमारी की पहचान होने के बाद डॉ. भट्टर ने बताया कि यह बीमारी लाखों में किसी एक व्यक्ति को प्रभावित करती है, जिसमें बाल, त्वचा, दांत, नाखून और पसीना ग्रंथियों के विकास में बाधा आती है। इस बीमारी से शरीर के उन भागों के विकास में समस्या होती है जो एक्टोडर्म नामक भ्रूणीय परत से बनते हैं। इसमें मुख्य रूप से बाल, त्वचा, दांत, नाखून, और पसीना ग्रंथियाँ प्रभावित होती हैं। बालक पूर्वेश की माता श्रीमती डामिन यादव ने शिविर में इस बीमारी की पहचान होने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समय पर जानकारी मिलना उनके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए राहत का कार्य करेगा। बीमारी का समय रहते पता चल जाने से अब बच्चे के बेहतर ईलाज में सहूलियत होगी।

इस विशेष स्वास्थ्य शिविर में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक भट्टर एवं उनकी टीम द्वारा जिले के कुपोषित बच्चों का गंभीरतापूर्वक स्वास्थ्य जांच एवं ईलाज किया गया। साथ ही बच्चों के पालकों को बच्चों के बेहतर देखभाल एवं कुपोषण को दूर करने खानपान से संबंधित आवश्यक सलाह भी दिया गया। शिविर में जिले के लगभग 192 बच्चों का वजन माप, वृद्धि चार्ट एवं आवश्यक मापदण्डों में पंजीयन किया गया। इस आधार पर डॉ. भट्टर ने बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति की जांच कर आवश्यक ईलाज एवं देखभाल के लिए सुझाव दिया। स्वास्थ्य टीम द्वारा निःशुल्क दवाईयों का भी वितरण किया गया।

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