आरबीआई ने बढ़ाया विकास दर का अनुमान, वित्त वर्ष 24 में 7% रह सकती है भारतीय इकोनॉमी की रफ्तार

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नई दिल्ली। केंद्रीय बैंक (RBI) की ओर से भारत के विकास दर यानी जीडीपी को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। आज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने तीन दिनों तक चली एमपीसी की मीटिंग में लिए फैसलों की घोषणा करते हुए बताया कि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान पहले के 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया है।

शक्तिकांत दास ने बाताया कि अनुमान में यह वृद्धि घरेलू मांग में बढ़ोतरी और विनिर्माण क्षेत्र में उच्च क्षमता उपयोग के कारण हुआ है। आरबीआई ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के पूंजीगत व्यय में उछाल, विनिर्माण में औसत से अधिक क्षमता उपयोग और घरेलू मांग से विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

किस तिमाही में क्या अनुमान?

आरबीआई ने पूरे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इसके अलावा दिसंबर तिमाही में आरबीआई ने जीडीपी का अनुमान 6.5 प्रतिशत और मार्च तिमाही में 6 प्रतिशत जीडीपी रहने का अनुमान लगाया है।

वहीं अगले वित्त वर्ष यानी FY25 की पहली तिमाही में आरबीआई का अनुमान है कि जीडीपी 6.7 फीसदी रहेगी। वहीं वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में 6.5 फीसदी और तीसरी तिमाही में जीडीपी 6.4 फीसदी पर रहने का अनुमान है।

वर्तमान में कितना है भारत का विकास दर?

वर्तमान में भारत की जीडीपी सितंबर तिमाही में 7.6 फीसदी है। जून में यह 7.8 प्रतिशत पर थी। मार्च 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत थी।

आपको बता दें कि केंद्रीय बैंक का अनुमान अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के पूर्वानुमानों से काफी अधिक है। आईएमएफ, विश्व बैंक, एडीबी और फिच को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 6.3 प्रतिशत बढ़ेगी, जबकि एसएंडपी को चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है।

रेपो रेट पांचवीं बार भी स्थिर

आज एक बार फिर से आरबीआई की एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का फैसला लिया। यह लगातार पांचवीं बार है जब रेपो रेट को अपरिवर्तित रखा गया है।

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