रायपुर। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के साथ ही अन्य सार्वजनिक जगहों पर अकेली घूमने वाली गरीब लड़कियों को सुनहरे भविष्य का सपना दिखाकर बेच देने और ‘सेक्स स्लेव’ (शारीरिक शोषण का साधन) बनाकर रखने का मामला उजागर हुआ है। ऐसे ही एक गैंग की महिला को गुढ़ियारी पुलिस ने मध्यप्रदेश, छतरपुर से गिरफ्तार किया है। गिरोह में शामिल एक दंपत्ति की पुलिस पतासाजी कर रही है।
पुलिस के अनुसार लड़कियों की खरीदी-बिक्री करने वाले गिरोह के सभी लोगों के पकड़े जाने के बाद पता चलेगा कि, इन लोगों ने छत्तीसगढ़ के रायपुर और अन्य जिलों की कितनी लड़कियों को कहां-कहां बेचा है। लड़की खरीदी-बिक्री करने वाले गैंग के एक व्यक्ति को पुलिस पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल दाखिल कर चुकी है।
रेलवे स्टेशन से ले जाकर बेची गई लड़की से उजागर हुआ मामला:
पुलिस ने मानव तस्करी करने के आरोप में सुषमा पटेल को गिरफ्तार किया है। किशोरी को खरीदकर उसे जबरन अपनी पत्नी बनाकर रेप करने के आरोप में बाबूलाल उर्फ बबलू अहिरवार की एक माह पूर्व एक अप्रैल को गिरफ्तारी हो चुकी है। किशोरी ने पुलिस को बताया है कि राजेश उर्फ राजेंद्र कामड़े उसे रेलवे स्टेशन के पास मिला। वह उसे शादी करने का झांसा देकर अपने साथ बहला फुसलाकर ले गया और उसे बालाघाट ले जाकर बाबूलाल के पास एक लाख रुपए में बेच दिया।
आरोपी का छत्तीसगढ़ कनेक्शन:
पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक राजेंद्र की पत्नी लक्ष्मी छत्तीसगढ़ की रहने वाली है। पत्नी के छत्तीसगढ़ की होने की वजह से राजेश का यहां आना-जाना लगा रहता था। इस दौरान राजेश का मानव तस्करी करने वाले गैंग से संपर्क हुआ और वह गरीब तबके की लड़कियों को बहला फुसलाकर बेचने का काम करने लगा।
मामले का ऐसे हुआ खुलासा
शादी करने का झांसा देकर राजेंद्र किशोरी को 21 फरवरी को अपने साथ बालाघाट ले गया। इसके बाद उसकी पत्नी लक्ष्मी ने सुषमा के माध्यम से एक लाख रुपए में लड़की को बेचने का सौदा कर बाबूलाल को सौंप दिया। अपने बेचे जाने की जानकारी मिलने पर किशोरी ने 21 मार्च को अपने भाई को कॉल कर अपने बेचे जाने और रेप होने की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस की एक टीम छतरपुर पहुंची और 15 दिन बाद किशोरी का रेस्क्यू कर बाबूलाल को गिरफ्तार किया।
मजदूर ढूंढ़ने की आड़ में तलाशता था लड़कियां
राजेंद्र और उसकी पत्नी गुढ़ियारी तथा खमतराई थाना क्षेत्र में मकान किराए पर लेकर रहते थे। राजेश अपने आपको फैक्ट्री तथा अन्य जगहों में लेबर सप्लाई करने का काम करना बताता था। मजदूर ढूंढने की आड़ में राजेश निचली बस्तियों के साथ रेलवे स्टेशन के आसपास बेसहरा लड़कियों को ढूंढने का काम करता था।