नक्सलियों से शंकराचार्य की अपील : अविमुक्तेश्वरानंद बोले- उनका रास्ता पूरी तरह फेल, हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटें

Featured Latest खरा-खोटी

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों के शांति वार्ता की पहल के बीच अबूझमाड़ इलाके के नेशनल पार्क में हुई मुठभेड़ में तीन नक्सलियों को मार गिराया गया है। इसी बीच शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने नक्सलियों से मुख्यधारा में आने की अपील की है।

नक्सलवाद को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि, पिछले कई सालों से नक्सली गोलीबारी कर रहे हैं। लेकिन उन्हें हासिल क्या हुआ? इससे स्पष्ट होता है कि, नक्सलियों का रास्ता पूरी तरह फेल हो चुका है। हम नक्सलियों से कहना चाहते हैं कि, वे हथियार छोड़ मुख्यधारा में आएं। जंगलों में हथियार लेकर घूमना किसी समस्या का हल नहीं है।

राजनैतिक लोग बढ़ा रहे वैमनस्यता 

देश में वैमनस्यता के बढ़ते भाव को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि, वैमनस्यता बढ़ नहीं रही है, इसे राजनीतिक लोग बढ़ा रहे हैं। देश के एक नागरिक को दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जा रहा है। ध्रुवीकरण की राजनीति चल नही रही है, इसलिए कट्टरता लाई जा रही है। हिंदू होने का अर्थ किसी दूसरे धर्म के खिलाफ खड़ा होना नहीं है। एकता, अखंडता को नुकसान पहुंचाएंगे तो देश टूटने के कगार पर पहुंच जाएगा।

वक्फ बोर्ड की तरह नहीं होना चाहिए सनातन बोर्ड 

वक्फ बोर्ड की तरह सनातन बोर्ड बनाने की मांग उठने पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि, हम नकलची नहीं हैं, वक्फ बोर्ड की तरह कुछ नहीं होगा। वक्फ बोर्ड ने ऐसा कोन सा बड़ा काम कर डाला, जो उसकी तरह सनातन बोर्ड बनाने की मांग की जा रही है। यह बोलना ही गलत है कि, वक्फ की तरह सनातन बोर्ड बने।

बीजेपी नहीं करती धर्म का काम 

धर्म की राजनीति पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि, बीजेपी को धर्म की राजनीति करनी है, धार्मिक लोगों का पोषण नहीं। हमने गौमाता के लिए कानून बनाने की मांग की थी। सभी दलों से आग्रह किया, लेकिन मांग पूरी नहीं हुई। धर्म का काम नहीं करना है, केवल राजनीति करना है।

पूरे प्रदेश में हो शराबबंदी 

मध्यप्रदेश के धार्मिक स्थलों में शराब पर प्रतिबंध को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि, क्या मध्यप्रदेश के कुछ शहर ही धार्मिक हैं? अन्य शहर अधार्मिक हैं क्या? किस शहर में मंदिर नहीं है? क्या बाकी शहरों में शराब पीने की छूट दे दी जाएगी? धार्मिक को तो 365 दिन धार्मिक रहना पड़ता है। शराब को गलत मानते हो तो पूरे प्रदेश में शराबबंदी करो। दिखावा करना है तो दिखावे की राजनीति होती रहती है।

लोगों को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *