दुर्ग। छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक कथित सिद्ध गुरु ने तंत्र-मंत्र और ग्रह दोष के नाम पर एक महिला अधिकारी से 36 लाख 66 हजार रुपए की ठगी कर ली। आरोपी को पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया है और उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
2022 में हुई थी पहली मुलाकात, फिर शुरू हुआ ठगी का सिलसिला भिलाई के जुनवानी क्षेत्र की निवासी पल्लवी जायसवाल की मुलाकात वर्ष 2022 में नेहरू नगर स्थित कालीबाड़ी मंदिर में पुजारी परिचय मिश्रा के माध्यम से कुलदीप पंडित से हुई थी। आरोपी कुलदीप हरियाणा के रोहतक का निवासी है और खुद को एक सिद्ध गुरु और तंत्र-शक्ति साधक बताता है।
कुलदीप ने पल्लवी की कुंडली देखकर उसे ग्रह दोष और दुर्भाग्य के भय में डाल दिया। उसने तंत्र क्रियाएं, विशेष पूजा और महायज्ञ करवाने की सलाह दी और इसके एवज में महिला से धीरे-धीरे जनवरी 2023 से अप्रैल 2025 के बीच 36.66 लाख रुपए वसूल लिए, जो पीड़िता ने बैंक से लोन लेकर आरोपी के बैंक खातों में ट्रांसफर किए।
रकम के बाद अब मकान हड़पने की कोशिश
इतना सब करने के बाद भी आरोपी कुलदीप ने महिला से और रकम की मांग की। जब महिला ने मना किया, तो आरोपी ने उसके मकान को अपने नाम रजिस्ट्री कराने की धमकी दी। पीड़िता ने जब इसका विरोध किया, तो आरोपी ने उसे तंत्र विद्या के जरिए जान से मारने की धमकी दी। मामला यहीं नहीं रुका आरोपी महिला के अपार्टमेंट भी पहुँच गया, जिसकी पुष्टि वहाँ के सुरक्षा गार्ड ने की है।
सुपेला पुलिस ने की तत्पर कार्रवाई, आरोपी गिरफ्तार
पीड़िता की शिकायत पर सुपेला थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी कुलदीप को गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपी के चेले के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी है, जो इस धोखाधड़ी में सहयोगी बताया जा रहा है।
एएसपी पढ्मश्री तंवर का बयान
एएसपी पदाश्री तंवर ने बताया, पीड़िता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ ठगी, धमकी और अमानवीय भय दिखाकर धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इस तरह के मामलों में जनता को जागरूक रहने की जरूरत है। यह घटना बताती है कि कैसे आज भी लोग अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के झांसे में फैंसकर ठगी का शिकार हो रहे हैं। पुलिस की तत्परता सराहनीय है, लेकिन ऐसी घटनाओं से बचने के लिए समाज में जागरूकता और वैज्ञानिक सोच का प्रसार बेहद आवश्यक है।