सुशासन तिहार-2025 : समाधान शिविरों के जरिए जनसेवा का नया अध्याय

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बेमेतरा : पूरे छत्तीसगढ़ में इन दिनों सुशासन तिहार-2025 की गूंज है, जिसमें बेमेतरा जिला भी सक्रिय भागीदारी निभा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य आम जनता की समस्याओं का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण समाधान करते हुए शासन-प्रशासन को जन-जन तक पहुंचाना है। जिले में 5 मई से शुरू हुए समाधान शिविरों का आयोजन 31 मई 2025 तक किया जा रहा है। इसके अलावा शिविरों में ग्रामीणों के ब्लड प्रेशर, सुगर  आदि स्वास्थ्य की जांच भी की जा रही है । जरूरत मंद  पीड़ितों को जरूरी उपचार  कर निशुल्क दवाइयां दी जा रही है ।

सुशासन तिहार का पहला चरण 8 से 11 अप्रैल के बीच सम्पन्न हुआ, जिसमें विशेष तैयारियों के तहत बेमेतरा जिले में जिला कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय, जनपद पंचायतों, नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों में समाधान पेटियां स्थापित की गईं। इन पेटियों के माध्यम से जनता से कुल 1,40,780 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें मांग, शिकायतें और समस्याएं दर्ज थीं। शासन की मंशा थी कि इन आवेदनों का निराकरण गुणवत्तापूर्ण तरीके से किया गया । इनमें से केवल 3022 आवेदन शिकायतों से संबंधित थे, जबकि बाकी मांग और समस्याओं पर केंद्रित थे।

दूसरे चरण में इन आवेदनों का निराकरण एक माह के भीतर करने का लक्ष्य रखा गया था, जो पूरा कर लिया गया। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्रीगण, मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इन शिविरों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है ताकि कार्य की पारदर्शिता और गुणवत्ता बनी रहे। शिविरों  में गुणवत्तापूर्ण निराकरण की जानकारी संबंधित विभाग के अधिकारी दें रहे है ।

इसी क्रम में समाधान शिविर के दूसरे दिन ही बीते 6 मई को जिले के विकास खंड साजा के ग्राम सहसपुर में मुख्य मंत्री  श्री विष्णुदेव साय  ने औचक निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने बरगद की छांव में खाट पर बैठ जाना ग्रामीणों का हाल-चाल, विद्युत सब स्टेशन, हायर सेकंडरी स्कूल भवन और प्राचीन मंदिर के सौंदर्यीकरण की घोषणा की

अब तीसरे चरण में 5 मई से 31 मई तक जिले में कुल 64 समाधान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें नगरीय क्षेत्र के 37 और ग्रामीण क्षेत्र के 27 शिविर शामिल हैं। इन शिविरों में न सिर्फ जनसमस्याओं का समाधान किया जा रहा है, बल्कि जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही है। साथ ही हितग्राहीमूलक योजनाओं के फॉर्म भी वितरित किए जा रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।

यह अभियान न केवल समस्याओं के समाधान तक सीमित है, बल्कि यह सुशासन की संस्कृति को गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचाने का प्रयास है। आम जनता को शासन की योजनाओं और सुविधाओं की जानकारी मिल रही है, और उनकी शिकायतों का समयबद्ध निराकरण किया जा रहा है। इससे जनता और प्रशासन के बीच की दूरी कम हुई है और भरोसा मजबूत हुआ है। बेमेतरा में चल रहे समाधान शिविर निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ में जनसेवा का नया अध्याय लिख रहे हैं।

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