०० काले ग्रेनाइट से बनी मूर्ति चोरों का सात दिन बाद भी पुलिस के पास नहीं कोई सुराग
रायपुर| बिलासपुर में भंवर गणेश मंदिर से प्राचीनकालीन गरुण देव की काले ग्रेनाइट से बनी मूर्ति चोरों को सात दिन बाद भी पुलिस अब तक कोई सुराग नहीं लगा पाई है। ऐसे में एसएसपी ने अब मूर्ति चोरों को पकड़वाने के लिए 5 हजार रुपए के इनाम की घोषणा की है। घटना मस्तूरी थाना क्षेत्र के इटवा पाली की है, जहां चोरों ने सेवादार को बंधक बनाकर मंदिर से करोड़ों रुपए कीमती मूर्ति पार कर दिया था।
मस्तूरी के इटवा पाली में स्थित भंवर गणेश मंदिर में 10-11वीं शताब्दी की प्राचीन गरुण देव की मूर्ति थी। मंदिर में सो रहे सेवादार महेश केंवट पर अज्ञात चोरों ने कट्टा अड़ा दिया और उसके आंख, हाथ-पैर व मुंह को बांधकर मंदिर के गर्भगृह से मूर्ति चोरी कर ले गए। इस घटना के बाद से मस्तूरी पुलिस और एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की टीम चोरों की तलाश कर रहती रही है। पुलिस की नाकामी के बाद अब एसएसपी पारुल माथुर ने आमजनों से मदद की अपील की है। चोरों की जानकारी देने वालों का नाम गोपनीय रखने का भी भरोसा दिलाया है। करोड़ों रुपए कीमती प्राचीन मूर्ति चोरी होने के बाद पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। शुरूआत में पुलिस सेवादार को संदिग्ध मानकर ग्रामीणों से घटना की जानकारी जुटाती रही। पुलिस ने मूर्ति लेकर भागने वालों की तलाश के लिए न तो चेक पाइंट लगाया और न ही नाकेबंदी कराई।
बताया जा रहा है कि इटवा पाली स्थित भंवर गणेश मंदिर में स्थापित ग्रेनाइट की दुर्लभ मूर्ति मल्हार स्थित डिड़िनेश्वरी देवी की समकालीन है। 7वीं से 11वीं सदी के मध्य के विकसित मल्हार की मूर्तिकलाओं में भंवर गणेश को भी प्रमुख माना जाता है। मल्हार में बौद्ध स्मारकों तथा प्रतिमाओं का निर्माण इस काल की विशेषता माना जाता है। मल्हार और आसपास में कई प्राचीन मंदिरों के अवशेष मिलते हैं और यह एक महत्वपूर्ण पुरातत्व स्थल है। इससे पहले भी यह मूर्ति तीन बार चोरी हो चुकी है। वहीं, मल्हार स्थित डिड़िनेश्वरी देवी की मूर्ति को भी चोर ले गए थे, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया था और चोर गिरोह को गिरफ्तार भी किया था।