सागर : मध्य प्रदेश को जल्द फलदार पेड़ों वाला वन मिलने जा रहा है. सागर जिले में रहली विधानसभा के कड़ता ग्राम पंचायत मेंबनाए जा रहे प्रदेश के पहले फ्रूट फॉरेस्ट में सिर्फ फलदार पेड़ मिलेंगे. सरकार जिले में एक ऐसा जंगल तैयार करवा रही है, जहां केवल हरियाली नहीं, बल्कि खुशहाली भी लेकर आएगा.
जंगल की कल्पना होती है, तो लंबे-चौड़े पेड़ और उससे लिपटी लताओं का दृश्य उभर आता है. ऐसे जंगल सामान्यतया सागौन, शीशम या अन्य प्रकार की लकड़ियों से भरे होते हैं, लेकिन सागर जिले में एक ऐसा जंगल तैयार किया जा रहा हैं, जहां सिर्फ फलदार पेड़ों के पौधे रोपे जाएंगे.
परियोजना के तहत अगले तीन वर्षों में सागर जिले में रोपे जाएंगे 10 लाख फलदार पौधे
गौरतलब है इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत अगले तीन वर्षों में सागर जिले में 10 लाख फलदार पौधे रोपे जाएंगे. इस पहल का उद्देश्य सागर को फ्रूट हब के रूप में विकसित करना है, जिससे न केवल हरियाली बढ़ेगी, बल्कि यहां के ग्रामीणों को आर्थिक संबल भी मिलेगा.
स्थानीय स्व-सहायता समूहों की महिलाएं संभालेंगी फ्रूट फॉरेस्ट्स की देखरेख का जिम्मा
रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना का पहला चरण शुरू हो चुका है, जिसमें जिले के प्रत्येक विकासखंड में 30-30 हजार पौधे रोपे जाएंगे. योजना की खास बात यह है कि फ्रूट फॉरेस्ट्स की देखरेख का जिम्मा स्व-सहायता समूहों की महिलाएं संभालेंगी. इससे महिलाओं को रोजगार व आत्मनिर्भरता का अवसर मिलेगा, जो सामाजिक रूप से एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.
प्रदेश के पहले फ्रूट फॉरेस्ट को रहली विधानसभा के कड़ता ग्राम पंचायत में तैयार हो चुका है, जहां ड्रिप इरिगेशन सिस्टम से सिंचाई की जा रही है. इससे जल की बचत सुनिश्चित हो रही है. फ्रूट फॉरेस्ट में पौधों की सुरक्षा और नियमित देखरेख के लिए चौकीदारों की भी नियुक्ति की गई है.
जिला प्रशासन और वन विभाग की संयुक्त पहल से तैयार हो रहा है पहला फ्रूट फॉरेस्ट
सागर जिला प्रशासन और वन विभाग की संयुक्त पहल से यह परियोजना आकार ले रही है और इसकी सफलता के लिए स्थानीय स्तर पर भी भरपूर समर्थन मिल रहा है. लोगों का उत्साह देखने लायक है. कई स्थानों पर ग्रामीण स्वयं भी इस कार्य में सहयोग कर रहे हैं.
आने वाले वर्षों में फल उत्पादन के एक नए केंद्र के रूप में उभरेगा सागर जिला
पर्यावरणविदों और कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह परियोजना सही तरीके से लागू होती है, तो सागर आने वाले वर्षों में फल उत्पादन के एक नए केंद्र के रूप में उभरेगा. इसके अलावा यह मॉडल मध्य प्रदेश के अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन सकता है.
योजना से जुड़ी अहम बात यह है कि फ्रूट फॉरेस्ट सुखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो सकती है. वर्षों से सूखे की मार झेल रहे इस क्षेत्र में अब हरियाली के साथ आमदनी की नई राहें खुलेंगी. ग्रामीणों का मानना है कि यह परियोजना उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी.
हरित, समृद्ध और आत्मनिर्भर सागर बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएगी योजना
उल्लेखनीय है फ्रूट फॉरेस्ट योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, बल्कि यह सामाजिक, आर्थिक और महिलाओं के सशक्तिकरण का भी प्रतीक बनकर उभर रही है. आने वाले समय में यह योजना सागर को हरित, समृद्ध और आत्मनिर्भर जिला बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएगी.