रायपुर : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुड़कर खेती के नए तौर-तरीके सीख रही हैं। गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के पेंड्रा विकासखंड के छोटे से गांव विशेषरा की महिलाएं आज आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की मिसाल बन चुकी हैं। जहां पहले ये महिलाएं सिर्फ घर के कार्यों तक सीमित थीं, वहीं अब वे सब्जी बाड़ी के जरिये आर्थिक रूप से सक्षम बन कर लखपति दीदी बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। गंगा महिला स्व-सहायता समूह ने पारंपरिक धान की खेती से हटकर सब्जी उत्पादन का रास्ता चुना और समूह की सदस्य श्रीमती गायत्री वाकरे ने जानकारी दी कि शुरुआत में महिलाओं ने छोटे पैमाने पर सब्जी की खेती शुरू की थी, लेकिन आज वे करीब 2 एकड़ भूमि में सब्जियों की खेती कर रही हैं।
समूह की महिला गायत्री वाकरे ने बताया कि महिलाएं ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर मौसम आधारित सब्जियों का उत्पादन कर रही हैं। वर्तमान में वे बरबट्टी, मटर और लौकी की खेती कर रही हैं, जिन्हें पहले स्थानीय बाजार में बेचा जाता था, लेकिन अब वे पेंड्रा सब्जी मंडी तक अपने उत्पाद पहुँचा रही हैं।
महिलाओं ने बताया कि बिहान से जुड़ने के बाद उन्हें न सिर्फ खेती के तकनीकी ज्ञान मिला, बल्कि बैंक से ऋण लेना, कृषि योजना बनाना, विपणन और परिवहन प्रबंधन जैसे आवश्यक पहलुओं की भी जानकारी मिली। इस कार्य ने उन्हें आत्मविश्वासी बनाया है और वे अब अपने परिवार की आय में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। समूह की सभी महिलाओं को महतारी वंदन योजना का भी लाभ मिल रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक स्थिरता मिली है और वे अपने कार्य को और बेहतर तरीके से कर पा रही हैं। महिलाओं ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे कार्यों को प्रेरणादायक बताया।