नवरात्रि में इसलिए जलाते हैं अखंड ज्योत, जानें क्या है इसका धार्मिक महत्व व नियम

Featured Latest राशिफल/धर्म-आध्यात्म

नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है और 9 दिन तक अखंड ज्योति जलाने की धार्मिक परंपरा है। नवरात्रि में बिना बुझे अखंड ज्योति जलाए जाने का विशेष महत्व होता है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023 से शुरू हो चुकी है और हिंदू नव संवत्सर 2080 की भी शुरुआत हो चुकी है।

नाव पर सवार होकर आई है देवी मां

नवरात्रि में 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा उपासना की जाती है। इस साल नवरात्रि पर माता रानी नौका में सवार होकर आई हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा के सामने अखंड ज्योति प्रज्वलित किए जाने का धार्मिक विधान है। अखंड ज्योति जलाते समय नियमों का पालन किया जाए तो देवी मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


अखंड ज्योति का महत्व

अखंड ज्योति का मतलब होता है दीपक की ऐसी लौ, जो अनवरत 9 दिनों तक जलती रहे। धार्मिक मान्यता है अखंड ज्योति जलने से घर में खुशहाली आती है और देवी मां आशीर्वाद प्राप्त होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

अखंड ज्योति के नियम

ज्योति की देखरेख के लिए कोई ना कोई उसके पास जरूर होना चाहिए

अंखंड ज्योति प्रज्वलित का मतलब होता है कि 9 दिन मां घर में विराजमान हैं, इसलिए अखंड ज्योति प्रज्वलित करने से पहले देवी मां की विधि विधान से आराधना करें।

अखंड ज्योति प्रज्वलित करने के लिए कलश या फिर चौकी का प्रयोग करें, उसके बाद अखंड ज्योति प्रज्वलित करनी चाहिए।

अखंड ज्योति प्रज्वलित करने से पहले लाल कपड़ा बिछाएं और अगर कलश के ऊपर ज्योति प्रज्वलित कर रहे हैं तो उसके नीचे गेहूं रखें।

अखंड ज्योति जलाने के लिए घी या सरसों-तिल के तेल का प्रयोग कर सकते हैं। अखंड ज्योति को मां दुर्गा के दाईं ओर रखना चाहिए।

अखंड ज्योति प्रज्वलित करने से पहले भगवान गणेश, मां दुर्गा की आराधना करें और मां दुर्गा मंत्र ‘ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते’ का जाप करें।

लोगों को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *