पारदर्शी एवं डिजिटल व्यवस्था से धान विक्रय हुआ आसान :  धान के सर्वाधिक समर्थन मूल्य से किसान सशक्त, कृषि उपकरणों में हो रहा निवेश

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‘तुंहर टोकन’ ऐप से 24×7 टोकन सुविधा ने बढ़ाया किसानों का भरोसा

रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन द्वारा धान उपार्जन केंद्रों पर लागू पारदर्शी, सरल और डिजिटल व्यवस्था से प्रदेश के किसानों को धान विक्रय में बड़ी सुविधा मिल रही है। डिजिटल टोकन प्रणाली, त्वरित भुगतान और उपार्जन केंद्रों पर बेहतर प्रबंधन के कारण किसानों का भरोसा शासन की व्यवस्था पर और अधिक मजबूत हुआ है।

सरगुजा जिले के अंबिकापुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत भफौली के मध्यम वर्गीय किसान श्री पंकज पैकरा ने बताया कि इस वर्ष क्षेत्र में अच्छी वर्षा होने से धान की फसल बेहतर हुई है। उन्होंने बताया कि उनके पास कुल 159 क्विंटल धान का रकबा है। शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए ‘तुंहर टोकन’ मोबाइल ऐप के माध्यम से उन्होंने घर बैठे 100 क्विंटल धान के लिए पहला टोकन काटा।

किसान पंकज पैकरा ने बताया कि धान विक्रय के पश्चात समर्थन मूल्य की राशि 24 घंटे के भीतर सीधे उनके बैंक खाते में जमा हो गई, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से बड़ी राहत मिली। उन्होंने बताया कि दूसरा टोकन भी ‘तुंहर टोकन’ ऐप के माध्यम से 59 क्विंटल धान का आसानी से कट गया और पूरी टोकन प्रक्रिया में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि डिजिटल टोकन सुविधा के कारण किसानों को अब टोकन के लिए उपार्जन समितियों के अनावश्यक चक्कर नहीं लगाने पड़ते, जिससे समय, श्रम और धन—तीनों की बचत हो रही है। यह व्यवस्था किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है।

किसान पंकज पैकरा ने बताया कि परसा धान उपार्जन केंद्र पहुंचते ही उन्हें गेट पास की सुविधा, नमी परीक्षण और तत्काल बारदाना उपलब्ध कराया गया। धान विक्रय की समस्त प्रक्रियाएं सुव्यवस्थित और समयबद्ध ढंग से पूरी की गईं। उन्होंने कहा कि केंद्रों पर किसानों के लिए पेयजल, बैठने और छांव जैसी मूलभूत सुविधाएं भी सुनिश्चित की गई हैं, जिससे किसानों को सुविधा और सम्मान दोनों मिल रहा है।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किसानों को धान का सर्वाधिक समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल प्रदान किया जा रहा है तथा प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक धान की खरीदी की जा रही है। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल रहा है और उनकी आय में निरंतर वृद्धि हो रही है।

किसान पंकज पैकरा ने बताया कि पिछले वर्ष धान विक्रय से प्राप्त राशि से उन्होंने कृषि कार्य हेतु ट्रैक्टर खरीदा था। वर्तमान में उनके पास थ्रैशर मशीन सहित अन्य आवश्यक कृषि उपकरण उपलब्ध हैं, जिससे खेती का कार्य और अधिक सुगम हो गया है। उन्होंने कहा कि अब वे धान के साथ-साथ गेहूं, तिलहन एवं सब्जी जैसी अन्य फसलों की खेती भी कर रहे हैं, जिससे उन्हें वर्षभर स्थिर आय प्राप्त हो रही है।

अंत में किसान पंकज पैकरा ने जिले में लागू धान खरीदी व्यवस्था को सराहनीय बताते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय तथा राज्य शासन के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शासन की किसान-हितैषी नीतियों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो रही है और किसान वर्ग समृद्धि की ओर अग्रसर हो रहा है।

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