रेशम विभाग द्वारा संचालित टसर कृमिपालन योजना ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका का महत्वपूर्ण माध्यम बनकर उभरी

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रेशम विभाग के धागाकरण योजना से जुड़कर समूह की महिलाएं बन रही हैं आत्मनिर्भर 
 हथगढ़ा में 6 लाख 40 हजार के लागत से बनाया जा रहा है नया धागाकरण सेन्टर

जशपुरनगर| कलेक्टर जन-चौपाल एवं कलेक्टर जनदर्शन के माध्यम से कांसाबेल विकासखण्ड के ग्राम पंचायत हथगढ़ा के रेशम धागाकरण समूह के महिलाओं के द्वारा नया धागाकरण सेन्टर की मांग किया गया था। जिस पर कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के पहल से मनरेगा योजनार्न्तगत 6 लाख 40 हजार की लागत से नया सेन्टर भवन का प्रशासकीय स्वीकृति प्रदाय कराया गया। नया सेन्टर का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।
रेशम विभाग के सहायक संचालक के द्वारा बताया गया है कि आने वाले समय में धागाकरण केन्द्र में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को स्व-रोजगार का अच्छा माध्यम मिलेगा और वे आत्मनिर्भर बन सकेगें। नया धागाकरण सेन्टर का महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में बड़ा योगदान रहेगा। अब तक कई परिवार रेशम विभाग के धागाकरण योजना से जुड़कर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर लिए हैं। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा चलाये गये धागाकरण योजना से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों एवं वनांचलों में बसे महिलाओं को भी जोड़ा जा रहा है।
जिला प्रशासन का धागाकरण कार्य में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। विभाग द्वारा कमजोर वर्ग के महिलाओं को स्व-रोजगार से जोड़ने का सार्थक प्रयास किया जा रहा है। रेशम धागाकरण योजना से महिलाओं को अच्छी आमदनी भी हो रही है साथ ही वे अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर पा रहें हैं। धागाकरण योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का एक अच्छी प्लेटफार्म है। आने वाले समय में विभाग द्वारा ओर भी महिलाओं के लिए रोजगार उपलब्ध कराने पर कार्य करेगी। ग्रामोद्योग के रेशम विभाग द्वारा संचालित टसर कृमिपालन योजना ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका का महत्वपूर्ण माध्यम बनकर उभरी है।

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