रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में आज प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने सीएसआर फंड का मामला उठाया। सदन में उनके जवाबों का सवाल जब मंत्री मो. अकबर ने दिया, जहां पक्ष विपक्ष के बीच नोक झोंक होती रही । इस बीच सदन का माहौल गर्म दिखाई पड़ा।
नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने पूछा- कोरबा, बिलासपुर और जांजगीर चांपा में 202-22, 2022-23 से लेकर 45 फ़रवरी 2023 तक किन-किन औद्योगिक संस्थानों से कितनी राशि सीएसआर से प्राप्त हुई? उन्होंने कहा – राज्य की ज़मीन पर उद्योग लगते हैं? राज्य के संसाधनों का उपयोग होता है, लेकिन सीएसआरफंड के उपयोग के लिए कोई नीति नहीं है? मापदंड के अनुरूप कितनी राशि प्राप्त होनी थी और कितनी राशि प्राप्त हुई?
श्री चंदेल के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री मो. अकबर ने कहा- जिन कंपनियों ने सीएसआर फंड के तहत राशि नहीं दी है, उन्हें राशि देनी है, जो कंपनियां देरी करती हैं, उन पर कार्रवाई करने का भी नियम है।
सीएसआर फंड के उपयोग के लिए राज्य में कोई स्पष्ट नीति नहीं है : चंदेल
नारायण चंदेल ने कहा- ओड़िशा राज्य ने सीएसआर फंड के उपयोग के लिए स्पष्ट नीति बनाई है, लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसी कोई नीति नहीं है। श्री चंदेल के सवाल पर मंत्री मो. अकबर ने कहा कि- ओड़िसा की नीति मंगाकर अध्ययन कर लिया जायेगा।
सीएसआर जमा नहीं करने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की जिम्मेदारी किसकी : चंद्राकर
बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा- सीएसआर देने के लिए जब कंपनियाँ बाध्यकारी हैं, ऐसी स्थिति में जो कंपनियां सीएसआर जमा नहीं करती हैं उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की ज़िम्मेदारी किसकी है? श्री चंद्राकर के सवाल पर मो. अकबर ने कहा- कंपनी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है, कंपनी के ख़िलाफ़ केंद्र के एक्ट के तहत ही हो सकती है।
सीधी कार्रवाई का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं : मो. अकबर
अजय चंद्राकर ने कहा – इसमें राज्य सरकार की क्या भूमिका है? मो. अकबर ने कहा- राज्य सरकार को सीधी कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। राज्य सरकार कंपनी अधिनियम के पालन करने के लिए कंपनी को कह सकती है, लेकिन कार्रवाई कंपनी अधिनियम के तहत ही होगी।
सीएसआर का 50 फ़ीसदी हिस्सा राज्य सरकार लेकर दुरुपयोग करती है : शिवरतन
बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा- केंद्रीय अधिनियम का हवाला देकर राज्य सरकार पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है। सीएसआर के 40 से 50 फ़ीसदी हिस्सा राज्य सरकार लेकर दुरुपयोग करती है, जिन गांवों के विकास के लिए राशि खर्च करने की ज़रूरत होती है, वहां खर्च नहीं की जाती।
सीएसओआर केंद्रीय अधिनियम के तहत है : मो. अकबर
कांग्रेस विधायक शैलेष पांडेय ने पूछा- क्या इस मद के खर्च के लिये विधायकों को कमेटी में शामिल किया जा सकता है। शैलेष पांडेय के सवाल पर मो. अकबर ने कहा- सीएसआर केंद्रीय अधिनियम के तहत आती है, विधायकों को शामिल करने की बाध्यता नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा- यहां की ज़मीन, यहां का कोयला, यहां का पानी सब कुछ लेकर लूट किया जाता है। सीएसआर का राजनीतीकरण किया जाता है। सत्तापक्ष के जवाब से असंतुष्ट बीजेपी विधायकों ने इस पर वॉकआउट किया।