रायपुर| मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के झगराखांड पुलिस थाने में एक महिला ने फांसी लगाकर खुदकुशी करने की कोशिश की। उसने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया और फांसी लगाने लगी। महिला को ऐसा करता देख वहां मौजूद पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए। आनन-फानन में मौके पर थाना प्रभारी दीपक सैनी पहुंचे और बंद कमरे के बाहर से महिला को समझाने-बुझाने की कोशिश की। बहुत मान-मनौव्वल के बाद महिला ने कमरे का दरवाजा खोला और पुलिसवालों ने राहत की सांस ली।
पीड़िता रसिदुन्ननिशा (50 वर्ष) नगर पंचायत नई लेदरी के हर्रा दफाई की रहने वाली है। उसने पुलिस आरक्षक इशिता श्रीवास्तव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे झगराखांड थाने में पदस्थ महिला आरक्षक इशिता पहुंची और उसे ये कहते हुए थाने ले गई कि पूछताछ के लिए साहब ने बुलाया है। रसिदुन्ननिशा ने कहा कि जब वो थाने पहुंची, तो महिला आरक्षक उसके ऊपर झूठे आरोप लगाकर उसे बेरहमी से पीटने लगी। आरोपी आरक्षक ने पीड़िता पर गालीगलौज करने का भी आरोप लगाया है। पीड़िता ने कहा कि इसी दौरान खुद को बचाने के लिए दौड़कर उसने अपने आपको एक कमरे में बंद कर लिया और पंखे में फांसी का फंदा बनाकर आत्महत्या की कोशिश करने लगी। इसके बाद थाना प्रभारी दीपक सैनी को इसकी सूचना दी गई। वे तुरंत मौके पर पहुंचे। पीड़िता ने कहा कि उनके काफी समझाने-बुझाने पर उसने मरने का इरादा छोड़ दिया और बाहर निकल आई। पीड़िता ने आरोपी महिला आरक्षक इशिता श्रीवास्तव के खिलाफ केस दर्ज करवाते हुए न्याय की मांग की है। उसने कहा कि उसे झूठे मामले में फंसाने की कोशिश की गई है।
थाना प्रभारी दीपक सैनी ने कहा कि पीड़िता रसिदुन्ननिशा और महिला आरक्षक इशिता श्रीवास्तव दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ आवेदन दिया है। उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी देकर उनके मार्गदर्शन में आगे कार्रवाई की जाएगी। इधर पुलिस अधीक्षक टी आर कोशिमा ने कहा कि थाने के अंदर ऐसे हालात क्यों बने, इसकी जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।