नक्सल मोर्चे पर बड़ा फैसला : बरसात के बाद तेज होगा ज्वाइंट आपरेशन, अंदरूनी इलाकों में खुलेंगे और ज्यादा सुरक्षा कैंप

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रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं, शनिवार को वे चम्पारण धाम से दर्शन कर रायपुर लौट आए हैं। जहां नक्सलवाद पर समीक्षा बैठक शुरू हो गई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ और 7 पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशकों के साथ अंतरराज्यीय समन्वय बैठक में शामिल है। नक्सलवाद के खात्मे को लेकर इंटर स्टेट कोर्डिनेशन कमेटी की बैठक जारी है।

बैठक में सातों राज्यों में हुए नक्सल ऑपरेशन की समीक्षा की गई। जिसमें सभी सीएस और डीजीपी से नक्सल उन्मूलन को लेकर सुझाव मांगे गए हैं। मॉनसून के बाद जॉइंट ऑपरेशन तेज किये जायेंगे और नक्सल ऑपरेशन में नई तकनीकी का इस्तेमाल होगा। बैठक में नक्सल क्षेत्रों के विकास पर जोर दिया गया है और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा कैंप का विस्तार होगा।

सीएम साय समेत कई अधिकारी हैं उपस्थित 

इस बैठक में नक्सलियों के खातमे के लिए केंद्र से राज्यों को और कैसे सहयोग मिले इस पर भी विचार किया जाएगा। बैठक में सीएम विष्णु देव साय, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, डिप्टी सीएम विजय शर्मा भी उपस्थित हैं। इसके अलावा बैठक में छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, मध्यप्रदेश,आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हैं।

नक्सलियों के बड़े नेता होंगे निशाने पर 

जानकारों का कहना है कि केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार का फोकस अब बस्तर में नक्सलों की बची-खुची ताकत को भी खत्म करने या कमजोर करने पर है। अब सुरक्षा बलों के निशाने पर नक्सलियों के बड़े नेता और माओवादियों की मिलिट्री कंपनी और बटालियन होंगी। क्योंकि ये गुट अभी भी सक्रिय हैं। केंद्रीय और राज्य की सारी खुफिया एजेंसियों, सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों से इस काम को अंजाम तक पहुंचाने की तैयारी है।

नक्सलियों की कमर तोड़ने पर होगा फोकस 

नक्सलियों को सालों से देख रहे अधिकारियों का मानना है कि, माओवादियों की असली ताकत उनकी मिलिटरी कंपनियां हैं। जिसमें फोर्स से लूटी गई एके-47, इंसास और एलएमजी से लैस ट्रेंड लड़ाके होते हैं। सुकमा, बीजापुर से लेकर नारायणपुर तक के जंगलों में नक्सलियों की ताकतवर मानी जाने वाली दो बटालियन अभी भी सक्रिय हैं। सूत्रों का कहना है कि अब केंद्र सरकार का फोकस नक्सलियों की कमर तोड़ने पर है।

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